नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने हजारों शिक्षकों को राहत देते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। हाइकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड सहित ग्रेज्युएशन में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता समाप्त कर दिया है।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला सुनाया है। अदालत में दायर याचिकाकर्ता नीतू पाठक और अन्य ने केस में हाईकोर्ट में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड और ग्रेज्युएशन में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को चुनौती दी थी।
प्रदेश में मार्च 2019 में सहायक अध्यापक के पदों की भर्ती प्रक्रिया में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता का नियम लागू कर दिया गया। एकलपीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं में सुनवाई के बाद 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के बलदेव सिंह बनाम राज्य सरकार के फैसले को आधार बनाते हुए यह फैसला दिया है।