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एस्मा के खौफ से दूर कर्मचारियों ने की आंदोलन की घोषणा

aandolan एस्मा के खौफ से दूर कर्मचारियों ने की आंदोलन की घोषणा
  • एकस्वर में बोले कर्मचारी संगठन- बार-बार एस्मा लगाकर कर्मचारी शिक्षक पेंशनर्स की जायज आवाज दबा नहीं सकती सरकार।
  • 15 जून को सभी जनपदों मे DM के माध्यम से CM को देंगे अनुस्मारक ज्ञापन
  • कोविड संक्रमण के दौरान कर्तव्य पालन मे दिवंगत कर्मियों शिक्षकों को ‘असाधारण पेंशन’ सहित विशेष सुविधाओं की मांग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के तहत कर्मचारी अब प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। अगर ऐसा वे करते हैं तो उनके उपर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इस बीच कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने वर्चुल मीटिंग कर आंदोलन का एलान कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि बार बार एस्मा लगाकर सरकार हमारी मांगों को दबाने की कोशिश करती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

प्रदेश के कर्मचारियों शिक्षकों दैनिक वेतन श्रमिक संविदा कर्मियों एवं पेशनर्स संगठनों के शीर्ष संयुक्त फोरम उ.प्र. कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति से जुड़े महासंघों, परिसंघों, संघों के शीर्ष पदाधिकारियों ने जूम वर्चुअल मीटिंग में कर्मचारियों, शिक्षकों, पेशनर्स की जायज लम्बित मुद्दों पर सरकार की उदासीनता पर गहरी चिंता व असंतोष व्यक्त की।

इस दौरान चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया गया है। जिसके तहत प्रथम चरण मे पूरे प्रदेश भर के जनपदों मे समन्वय समिति एवं उससे जुड़े संगठनों की जनपद शाखाओं द्वारा जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगों का अनुस्मारक ज्ञापन दिया जायेगा। समाधान नहीं निकलने पर समन्वय समिति अगली बैठक मे आगे की रणनीति तय करेगी।

पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना संकट काल मे  स्वयं व परिवार की चिंता किये बगैर फ्रंटलाइन पर कोरोना वारियर की तरह काम कर रहे शिक्षक कर्मचारियों की जायज आवाज को बार बार एस्मा लगाकर सरकार दबा नहीं सकती है।

समन्वय समिति के संयोजक अमरनाथ यादव ने 12 मई को मुख्यमंत्री व शासन के शीर्ष अधिकारियों को उनके मेल पर ज्ञापन भेजकर कोविड संक्रमण मे कर्तव्यपालन के दौरान दिवंगत कर्मचारियों शिक्षकों के परिवारों को पुरानी/नई पेंशन योजना से आच्छादित का भेद किये बगैर पुलिसकर्मियों की भांति असाधारण पेंशन प्रदान करने की मांग की थी।

साथ ही न्यूनतम 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, इलाज पर खर्च शत प्रतिशत धनराशि की प्रतिपूर्ति, टियर 1 खाते में जमा धनराशि जब्त करने की बजाय उसकी एफडी बनवाकर परिवार को उपलब्ध कराने तथा कोविड महामारी मे ड्यूटी कर रहे सभी विभागों के कर्मचारियों शिक्षकों को ‘फ्रंट लाइन वर्कर’ घोषित कर सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग उठाई है। जिस पर सरकार अभी तक उदासीन बनी हुई है।

प्रदेश प्रवक्ता बीएल कुशवाहा ने कहा कि जनवरी 2020 से फ्रीज्ड महगाई भत्ता/महगाई राहत अभी तक रिलीज नहीं करने और प्रदेश मे सभी रोगों के इलाज हेतु कैशलेस इलाज का प्रबंध नहीं किये जाने पर भी गहरा असंतोष व्यक्त किया है। कर्मचारियों ने कहा कि बार बार एस्मा लगाकर सरकार दबा नहीं सकती है और आने वाले दिनों मे बड़े आंदोलन का सामना करने से बच नहीं सकती है।

अ.भा.राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस.पी.सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न वर्चुअल मीटिंग में कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक अमरनाथ यादव, प्रवक्ता बी.एल.कुशवाहा, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अशोक सिंह, जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के महासचिव चन्द्रशेखर, दैनिक वेतन श्रमिक संविदा वर्कचार्ज महासंघ के महामंत्री रामभजन मौर्या, मिनिस्टीरियल फेडरेशन के महामंत्री पुनीत त्रिपाठी, आई.सी.डी.एस.सुपरवाइजर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष रेनू शुक्ल, महामंत्री शशिकांता, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष राधारमण मिश्र, लो.नि.वि.मिनि.संघ से अफीफ सिद्दीकी, सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के कार्य.महामंत्री ओ.पी.त्रिपाठी सहित अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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