नई दिल्ली। अगर हम आपातकाल लागू होने की मुख्य वजह को देखें, तो हमें यह मालूम पड़ता है कि विपक्ष ने जब तीसरा मोर्चा खोला था तब इंदिरा गांधी डर गई थी। उन्हें संशय हो गया था कि हो ना हो उनकी सत्ता जा सकती है। सारा विपक्ष एकजुट हो गया था और कांग्रेस के नियमों पर, परिवारवाद पर, अत्याचार पर धावा बोल दिया था। इंदिरा अपने आपको संभाल नहीं पाई, और उन्हें लगा कि आपातकाल के अलावा उनके पास कोई और चारा नहीं है।
बता दें कि अपनी कुर्सी और सत्ता के लालच में इंदिरा गांधी ने वह कदम उठा दिया जिसके चलते आज इंदिरा गांधी पर सारे लोग उंगली उठाते हैं। हालांकि वह कदम गलत और असंवैधानिक था, लेकिन इंदिरा ने कुर्सी के लालच में बिना कुछ सोचे समझे आपातकाल लागू कर दिया, और जनता से उसका मौलिक अधिकार भी छीन लिया।
उसके बाद से इंदिरा की एक भूल कांग्रेस के चरित्र पर उस घाव की तरह अभी भी बना हुआ है जिसे कोई मल्हम मिटा नहीं सकता। हर वर्ष 25 जून को वह घाव फिर से पनपता है, और सारे भारतीय इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं। इस भूल को इंदिरा ने अपनी सत्ता गवा के चुकाई। आपातकाल को लगाने की मुख्य वजह विपक्षी नेता थे, जो कांग्रेस पर धावा बोल चुके थे। महंगाई को लेकर, परिवारवाद को लेकर, समानता को लेकर, और भी बहुत कारण थे जिससे विपक्ष नाराज था और इंदिरा अपनी सत्ता को गवाने के डर से आपातकाल लगा दी।