गाजियाबाद। देश के बड़े सूबों में से एक उत्तर प्रदेश भी क्राइम की दुनिया में काफी चर्चायों में आता है। सूबे में बसपा, सपा, व भाजपा जैसी तीरंदाज सरकारें आई और सभी ने अपने-अपने तरीके से अधिकारियों के तबादले करके क्राइम को रोकना चाहा, लेकिन कहीं तो सरकार के नेता भ्रष्ट निकले, तो कहीं विभागों के अधीकारियों ने गुंजाइश नहीं छोड़ी। केंद्र व सूबे की सरकार ने समय-समय पर कई नियम व कानून भी बनाएं, लेकिन जब सरकार के सिक्के ही खोटे थे। तो उसमें नियम-कानून ही क्या करते। जिसके कारण सूबे में नियम बाद में बनता था, लेकिन उसकी खबर और नियमों के तोड़ चोरों के पास पहले से ही पहुंच जाते थे। उत्तर प्रदेश में यही कारण रहे कि किसी भी विभाग में चोरी व लूट को कोई सरकार नहीं रोक पाई है। जिसका हमेशा से एक उदाहरण सूबे का बिजली विभाग रहा है। उत्तर प्रदेश में कई सरकार आई लेकिन दुर्भाग्य वश बिजली विभाग में अरबों की चोरी को आजतक कोई नहीं रोक पाया।
आपको जानकर यह काफी खुशी होगी कि उसी माया सरकार में एक महिला IAS रितु महेश्वरी जो की बसपा के लिए भगवान बनकर आई थी। उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे व बिजली चोरी का कारखाना कहे जाने वाले जिला कानपुर में तैनात थी। बसपा सरकार में बिजली विभाग को अरबों की चोरी से IAS रितु महेश्वरी ने निजात दिला दी थी। आपको बता दें कि इस महिला के कारनामों की चर्चाओं की गूंज बॉलीवुड तक सुनाई देने लगी। जिस गूंज को सुनकर बॉलीवुड के एक निर्देशक ने फिल्म भी बनाई थी, जिसको देश में ही नहीं विदेशों तक में भी कई अवार्ड मिले हैं। वर्तमान में IAS रितु महेश्वरी जिला गाजियाबाद की जिलाधिकारी (DM) के पद पर तैनात हैं।
रितु ने कानपुर से की अपने कैरियर की शुरुआत:-
रितु महेश्वरी देश और प्रदेश की सबसे मशहूर IAS में से एक हैं। जब इनकी तैनाती कानपुर जिले के बिजली विभाग के केस्को (कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) में हुई उस वक्त यह आईएएस काफी चर्चायों में आई थी। आपको बता दें कि 2011 में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी, उस वक्त जिला कानपुर बिजली की चोरी के लिए काफी खतरनाक जिला माना जाता था। यहां फैक्ट्रीओं से लेकर बस्तीओं तक बिजली चोरी का सिलसिला चलता था। रितु ने सरकार के सारे नियमों को एक तरफ करके, अपना ही एक नया नियम चलाया था, जिससे सरकार को अरबों की चोरी से निजात दिला दी थी। उसके बाद 2012 में सूबे उत्तर प्रदेश में आई सपा सरकार को कानपुर जिले में बिजली चोरी की तरफ से टेंशन फ्री कर दिया।
इस तरह किया था रितु ने बिजली चोरों का दमन:-
जनपद कानपुर में बिजली की चोरी को लेकर सभी विभागों के अधिकारी जिम्मेदार तो थे, लेकिन कोई अपनी जिम्मेदारी को समझ लेता तो रितु महेश्वरी को ऐसा एक्शन ही ना लेना पड़ता। IAS रितु महेश्वरी ने जैसे ही चोरों के इलाके में छापे मारी शुरु करती, तो अधिकारी लोगों को बताकर अलर्ट कर देते थे। जिससे चोर रितु के हाथ ही नहीं लग पाते थे। जब रितु को इस बात की सूचना मिली तो उसने एक दूसरा हथकंडा अपना लिया और बफादार IAS रितु महेश्वरी ने तड़के 3-4 बजे उठकर अकेले ही छापे मारने शुरु कर दिए, जिसके बाद चोरों को कोई बचने का और अधिकारियों को उन्हें बचाने का कोई रास्ता ही नहीं बचा था। रितु ने चोरों के लिए एक नया ही नियम बनाया था। रितु महेश्वरी ना तो किसी पर जुर्माना कर ती थी और ना ही किसी की बिजली काटती थी, बल्कि सीधा चोरों के घर जाकर स्मार्ट मीटर लगवाकर एक नया कनेक्शन दे देती थी। इसमें लोगों को विरोध करने का भी कोई मौका नहीं मिलता और ना ही कोई ऑब्जेक्शन कर पाता था। रितु ने अपनी इस अक्लमंदी से सूबे की फैक्ट्री और घरों को मिलाकर सवा लाख स्मार्ट मीटर लगा दिए। जिससे सरकार को बिजली विभाग में लगभग 30% यानी 300 करोड़ रुपए प्रती साल का फायदा होने लगा।
सपा के सत्ता में होने के बाद भी रितु ने नहीं बक्शा था सपा विधायक:-
जिला कानपुर में बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के बाद पूरे सूबे में रितु के अभीयान का तैहलका मचा हुआ था। जिले में चोरों के साथ-साथ बिजली विभाग के अधिकारी व जिले के तमाम नेता भी रितु के काफी खिलाफ हो गए। यही नहीं बल्कि सपा से विधायक एरफान सोलंकी ने तो रितु महेश्वरी के ऑफिस में जाकर उनके साथ बतसलूकी से व्यवहार कर दिया था। उसके बाद IAS रितु महेश्वरी ने इरफान के खिलाफ FIR दर्ज कराई। रितु का बिजली चोरी को लेकर चलाया गया अभियान काफी चर्चाओं में आ गया था। इसकी किलकारी मुंबई के बॉलीवुड तक सुनाई देने लगी थी। जिसके बाद बॉलीवुड के एक निर्देशक ने IAS रितु महेश्वरी पर कटियाबाज नाम की एक फिल्म भी बनाई थी। इस फिल्म को देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक में कई फिल्म फेयर अवॉर्ड दिए गए थे।
चिराग महेश्वरी