प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। वहीं, प्रशासन और प्रत्याशियों ने पहले चरण के चुनाव के लिए कमर कस ली है।
15 अप्रैल को पंचायत चुनाव के पहले चरण में प्रयागराज में भी मतदान होना है, लेकिन यहां करीब 8 हजार पदों पर ग्राम पंचायत सदस्यों ने अभी तक दावेदारी नहीं पेश की है। ऐसे में ग्राम पंचायत के गठन पर प्रश्न चिन्ह बना हुआ है।
खाली रहेंगे करीब आठ हजार ग्राम पंचायत सदस्य पद
जिले में ग्राम पंचायत सदस्यों के 40 फीसद से अधिक सीटों पर कोई दावेदारी न होने के कारण इस बार सैकड़ों ग्राम पंचायत प्रधानों के शपथ पर संकट है। साथ ही गांवों में ग्राम पंचायतों का गठन भी मुश्किल है। इस वजह से करीब आठ हजार सीटें खाली पड़ी रह सकती हैं।
बताया जा रहा है कि अब इन सीटों पर जून में उपचुनाव कराए जाने की संभावना है, जिसके बाद ही प्रभावित ग्राम पंचायतों का गठन हो पाना संभव हो पाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिन्ह निर्धारित कर दिया गया है। ग्राम प्रधान पद के लिए उम्मीदवारों के लिए त्रिशूल, कुल्हाड़ी सहित अलग-अलग 53 चुनाव चिन्ह लेकर प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
दो तिहाई सदस्यों का चुनाव जरूरी
वहीं, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य अपने-अपने चिन्ह लेकर जोर आजमाइश करेंगे। हालांकि, सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि ग्राम पंचायत सदस्य बनने के लिए ग्रामीण आगे ही नहीं आ रहे हैं। वहीं, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ने के लिए ग्रामीणों में काफी उत्साह दिख रहा है। बता दें कि ग्राम पंचायत गठन के लिए दो तिहाई सदस्यों का निर्वाचन अनिवार्य होता है।