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मायावती के ‘मुस्लिम’ शब्द के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग सख्त, प्रशासन से रिपोर्ट तलब

mayawati saharanpur election मायावती के ‘मुस्लिम’ शब्द के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग सख्त, प्रशासन से रिपोर्ट तलब

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार को सहारनपुर के देवबंद में आयोजित महागठबंधन की चुनावी रैली में बसपा प्रमुख मायावती द्वारा ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने को बताया कि उन्होंने मायावती द्वारा रैली में अपने भाषण में मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल करते हुए वोट की अपील किए जाने पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि मायावती के इस बयान पर कई शिकायतें मिली थी, जिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया है। मालूम हो कि देवबंद में सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की पहली चुनावी रैली में मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं का आह्वान करते हुए कहा था कि भाजपा को कांग्रेस नहीं हरा सकती। उसे सिर्फ महागठबंधन हरा सकता है, लिहाजा मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को वोट देकर उसे ज़ाया करने के बजाय महागठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में एक तरफा मतदान करें। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने मायावती के इस बयान की शिकायत चुनाव आयोग से की है।उनका कहना है कि मायावती द्वारा मुसलमानों से एक राजनीतिक दल को वोट न देने की अपील करना धार्मिक उन्माद फैलाने वाला है। साथ ही यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन भी है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं दूसरी ओर मायावती का ऐसा बयान ध्रुवीकरण को भी बढ़ावा दे सकता है जिसका नुकसान महागठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उठाना पड़ सकता है क्योंकि मुस्लिमों से एकतरफा वोट की अपील पर हिंदू वोटरों पर इसका उल्टा असर हो सकता है।
मायावती ने रैली में कहा, ‘मैं मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहती हूं कि कांग्रेस बीजेपी को टक्कर नहीं दे सकती है, सिर्फ महागठबंधन ही उन्हें हरा सकता है। इसलिये महागठबंधन को ही वोट दें। मेरे पास रिपोर्ट है कि कांग्रेस चाहती है कि वे भले ही न जीतें, लेकिन महागठबंधन को कतई जीतने नहीं देना है’। कांग्रेस ने महागठबंधन को हराने के लिये ही अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं। अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें।
इसी रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले चायवाला, अब चौकीदार। अब नयी सरकार और नया प्रधानमंत्री चुनने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी गरीब सभी किसान इन चौकीदारों की चौकी छीनने का काम करेंगे। हमें ठगबंधन बोलते हैं। शराब बोलने वाले लोग सत्ता के नशे में चूर हैं। हमने देखा कि टीवी पर पैर धोए जा रहे थे, वहीं पीछे से दलित भाईयों की नौकरियां जाती रहीं जीएसटी से छोटे कारोबारियों कोई लाभ नहीं हुआ। अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। हमारे जवान मर रहे हैं बीजेपी की ज़िम्मेदारी है। ये महापरिवर्तन का चुनाव है। ये दूरियों को मिटाने का चुनाव है। हमें नफ़रत की दीवार गिरानी है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस है वही बीजेपी है, जो बीजेपी है वही कांग्रेस है। कांग्रेस परिवर्तन नहीं चाहती वो अपनी पार्टी बनाना चाहती है। आपको देखना होगा कि कौन परिवर्तन लाएगा।

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