नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उन राजनीतिक पार्टियों को चुनौती दी है जिनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के वक्त EVM मशीनों में गड़बड़ी की गई थी। जिसकी वजह से यूपी उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बन पाई। इसीलिए चुनाव आयोग ने उन सभी दलों के लिए खुली चुनौती का इंतजाम कर लिया है। चुनाव आयोग ने एक स्पेशल प्रोग्राम का इंतजाम किया है जिसमें वो EVM मशीनों का डेमो देगा और इसी प्रोग्राम में चुनाव आयोग द्वारा EVM हैक किए जाने की चुनौती की तारीखों की भी घोषणा करेगा। जिससे साफ हो जाएगा कि मशीनों में गड़बड़ी की गई थी या नहीं।
बता दें कि ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर कई विपक्षी पार्टियों ने उस पर हमला बोला है और इसीलिए ईवीएम से छेड़छाड़ की उनकी शंकाओं को दूर करने के लिए ये प्रोग्राम रखा जा रहा है। निर्वाचन आयोग की घोषणा के मुताबिक, ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली प्रदर्शित किए जाने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बीती 12 मई को इस मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने के दावे को सही साबित करने की चुनौती देने की घोषणा की थी। आयोग के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि राजनीतिक दलों को 29 मई के बाद जून के पहले हफ्ते में कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी करने की चुनौती दी जा सकती है।
साथ ही आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का ऑप्शन चुनने के लिए एक हफ्ते का वक्त भी देगा। वहीं, चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिए अलग-अलग मौका दिया जाएगा।
चुनाव आयोग के अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपैट वाले ईवीएम से वोटिंग कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अखिर में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपैट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है। दरअसल वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिससे मतदाता को मालूम पड़ता है कि उसने जिस उम्मीदवार के पक्ष में ईवीएम का बटन दबाया, उसका वोट उसी को गया।
बता दें कि इससे पहले बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) तथा तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक के दौरान ईवीएम में धांधली पर चिंता जताई थी। AAP ने निर्वाचन आयोग के ईवीएम को हैक कर दिखाने की चुनौती को स्वीकारने का स्वागत किया है, लेकिन ‘हैकाथन’ पर जोर दिया। पार्टी ने कहा कि मौका मिलने पर वह साबित करके दिखा देगा कि मशीनों को हैक किया जा सकता है।