- त्रिनाथ मिश्र, भारत खबर
मेरठ। बुजुर्गो के प्रति दुर्व्यवहार का मामला दिनो-दिन बढ़ रहा है और लगातार बढ़ रहे वृद्धाश्रमों की संख्या भी इसी ओर इशारा कर रही है कि भविष्य में बुजुर्गों की हालात और भी खराब होनी तय है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अनुमान के मुताबिक सभी देशों को 2015 और 2030 के बीच वृद्ध व्यक्तियों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि देखने की उम्मीद है और यह विकास विकासशील क्षेत्रों में तेजी से होगा यही नहीं वृद्धों के साथ बड़ी मात्रा में दुरुपयोग बढ़ने की उम्मीद है।
सरकार का भी ध्यान इस ओर नहीं
बताया जा रहा है कि बुजुर्गों के साथ होने वाली इस विशेष प्रकार की परेशानियों को सरकार भी अपने किसी योजना का हिस्सा नहीं बनाती और अधिकारियों के दरबार में भी कोई चर्चा इस पर नहीं होती। हालाकि एल्डर दुरुपयोग एक वैश्विक सामाजिक मुद्दा है जो दुनिया भर के लाखों वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य और मानव अधिकारों को प्रभावित करता है, और एक ऐसा मुद्दा जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून को ‘विश्व बुजुर्ग दुरुपयोग जागरूकता दिवस’ ( World Elder Abuse Awareness Day ) के रूप में नामित किया है। यह वर्ष में एक दिन मनाया जाता है जब पूरी दुनिया हमारी कुछ पुरानी पीढ़ियों के दुरुपयोग और पीड़ा के विरोध में आवाज उठाती हैं।
ये आंकड़े हैं चौकाने वाले:
- 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक आबादी 2015 में 900 मिलियन से 2050 में लगभग 2 बिलियन से अधिक होगी।
- पूरे विश्व में लगभग 6 में से 1 वृद्ध व्यक्ति किसी न किसी रूप में दुर्व्यवहार का अनुभव करता है, जो पहले से अनुमान से अधिक है और दुनिया भर में आबादी के रूप में वृद्धि की भविष्यवाणी करता है।
- दुरुपयोग की दरें समुदाय में रहने वाले पुराने लोगों के लिए अधिक हो सकती हैं।
- बड़े दुरुपयोग से गंभीर शारीरिक चोटें और दीर्घकालिक मनोवैज्ञानिक परिणाम हो सकते हैं।
- बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार की भविष्यवाणी की जाती है क्योंकि कई देश तेजी से बढ़ती आबादी का सामना कर रहे हैं।