लखनऊ। कोरोना काल के दौरान डाक्टर व अन्य चिकित्साकर्मियों का जबरन स्थानांतरण के विरोध में चल रहे प्रदर्शन का असर सरकार पर होता हुआ दिखाई पड़ रहा है। शनिवार को अपर मुख्य सचिव गृह ने चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर उनकी समस्या सुनी। जिसके बाद चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ ने अस्पतालों में दो दिनों से चल रहे दो घंटे के कार्यबहिष्कार को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि कल यानी रविवार को स्वास्थ्य मंत्री तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से मुलाकात कर चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ आगे की रणनीत तैयार करेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश के आवाह्न पर कार्य बहिष्कार आन्दोलन आज दूसरे दिन भी प्रात 8 बजे से 10 बजे तक जारी रहा। यह स्थिति प्रदेश के सभी सराकरी अस्पतालों में रही। उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव गृह से फोन पर हुई बात के बाद आज महासंघ का 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें डॉक्टर सचिन वैश्य संयोजक, के के सचान संरक्षक, अशोक कुमार प्रधान महासचिव, डॉ अमित सिंह अध्यक्ष, सचिव सर्वेश पाटिल, आईनिस चाल्स उपाध्यक्ष, सुनील कुमार कोषाध्यक्ष ने सुबह लोक भवन स्थित अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से मुलाकत कर उनसे अपनी समस्या से अवगत कराया।
बताया जा रहा है कि कार्यालय कक्ष में वार्ता के बाद अपर मुख्य सचिव ने कहा कि स्वाथ्य्य विभाग के चिकित्सक,नर्सेज, एवं अन्य पैरामेडिकल के समान्य नितीगत स्थानतरण ना किए जाए सिर्फ अतिआवश्यक स्वयं के अनुरोध पर ही स्थानतरण किए जाए ऐसी सरकार की मंशा है।
प्रदर्शन के लिए शासन ने किया मजबूर: सुनील यादव
राजधानी के हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों ने शनिवार को भी 2 घण्टे का कार्यबहिष्कार किया । इस दौरान चिकित्सालय परिसर की रैली के बाद सड़क पर आकर प्रदर्शन हुआ।
इसके बाद यूपी फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव की अध्ययक्षता में कर्मचारियों की एक सभा हुई। जिसमें सुनील यादव ने स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुये कहा कि स्वास्थ्य कर्मी नही चाहते कि जनता को परेशानी हो,लेकिन सरकार इसके लिए उन्हें मजबूर करती है ।