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दिल्ली हिंसा को लेकर PFI के ठिकानों पर ED की छापेमारी, 9 राज्यों में हो रही रेड

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नई दिल्ली। जैसा की आप सभी जानते है कि पिछले साल सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ रखा था। जिसके चलते अगस्त में देश की राजधानी दिल्ली में दंगा हो गया था। जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही यूपी में भी इस समय दंगा हुआ था। जिसके चलते आज पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के देश में अलग-अलग ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक देश भर के 26 ठिकानों पर हो रही है रेड जिसमें से महाराष्ट्र के भी कुछ जगहों पर पीएफआई के दफ्तरों पर रेड जारी है। ये छापे दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मामलों के संबंध में हैं। पीएफआई पर दिल्ली हिंसा और यूपी में एंटी-सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा का आरोप है।

इन जगहों पर हो रही ईडी की छापेमारी-

बता दें कि वित्तीय जांच एजेंसी की टीमें पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए अब्दुल सलाम और मलप्पुरम में राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलाराम के आवास पर मौजूद हैं। ईडी की कोच्चि टीम तिरुवनंतपुरम के पूनतुरा में पीएफआई नेता अशरफ मौलवी के आवास पर भी छापेमारी की। ईडी टीम केरल में कोच्चि, मल्लापुरम, त्रिवेंद्रम में पीएफआई सदस्यों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी कर रही है। इसके अलावा तमिलनाडु में तेनकासी, मदुरै, चेन्नई में, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, मुर्शिदाबाद, कर्नाटक में बेंगलुरु, दिल्ली में शाहीन बाग, यूपी में लखनऊ, बाराबंकी, बिहार में दरभंगा और पूर्णिया, महाराष्ट्र में औरंगाबाद और राजस्थान में जयपुर पर छापेमारी जारी है। सूत्रों का कहना है ईडी ने अपनी जांच के दौरान कई सबूत बरामद किए हैं। जिसमें पीएफआई को विदेशी स्रोतों से भारी धनराशि मिली थी, जिसे बाद में कथित तौर पर हिंसा के लिए इस्तेमाल किया गया था। एजेंसी ने पहले भी पीएफआई सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के संबंध में कई लोगों के बयान दर्ज किए थे।

20 सीटों पर एडीपीआई का वोट शेयर 10 हजार से ज्यादा-

अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के नाम पर बना संगठन पीएफआई एक बहुत ताकतवर मुस्लिम संगठन बन चुका है। इसका असर कम से कम 16 राज्यों में है और 15 से ज्यादा मुस्लिम संगठन इसके अंतर्गत हैं। संघ और बीजेपी के अलावा केंद्रीय मंत्री तक इसके खिलाफ बोल चुके है। केंद्र की सरकारी एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद कहा जाने लगा था कि इस पर रोक लगा ही दी जाएगी। फिर भी इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने से केरल मुख्यमंत्री ने साफ मना कर दिया। मुस्लिम हितों की बात करने के नाम पर बने इस संगठन के पास 25 हजार के करीब कैडर और 3 लाख समर्थक हैं। इसके राजनीतिक विंग एसडीपीआई की बात की जाए तो केरल राज्य की 140 में से 20 सीटों पर एडीपीआई का वोट शेयर 10 हजार से ज्यादा है। जबकि अन्य 20 सीटों पर 5 हजार से ज्यादा वोट शेयर इसके पास है।

120 करोड़ रुपये की रकम ईडी की जांच के घेरे में-

ईडी ने अगस्त में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को इस मामले में गिरफ्तार कर आरोप लगाया था कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों को भड़काने और फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों के लिए उन्हें धन मिला था। पीएमएलए के तहत 2018 से ही पीएफआई की जांच कर रही एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इन प्रदर्शनों और केरल स्थित संगठन के बीच ‘वित्तीय जुड़ाव’ है। ईडी ने कहा था कि पिछले साल चार दिसंबर से इस साल छह जनवरी के बीच संगठन से जुड़े कई बैंक खातों में कम से कम 1.04 करोड़ रुपये जमा किए गए। सूत्रों ने कहा कि पीएफआई के बैंक खाते में जमा की गई 120 करोड़ रुपये की रकम ईडी की जांच के घेरे में है। पीएफआई ने इन आरोपों से लगातार इनकार किया है।

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