नई दिल्ली। बुधवार को सरकार आम बजट पेश करने जा रही है, ऐसे में मंगलवार को भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दो महीनों में देश की अर्थव्यवस्था सुचारु रुप से पटरी पर लौट आएगी। संसद में बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वें 2016-17 के बाद संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को उन्होंने पैसे की निकासी पर लगी रोक को हटाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे आर्थिक की रफ्तार को तेज करने में मदद मिलेगी।
अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा, यहां ये कहना जायज है कि नोटबंदी का अल्पकालिक असर हुआ है जो काफी अहम है खासकर इनफॉर्मल सेक्टर्स में। लेकिन, वह असर अस्थाई है। रिमोनिटाइजेशन होने के बाद एक बार फिर से अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। अगले एक से दो महीने तक हमें पूर्ण पुनर्मुद्रीकरण के नजदीक आ जाना चाहिए। उन्होने आगे कहा कि जल्द से जल्द रिमोनिटाइजेशन होना चाहिए और जल्द से जल्द बेहतरी के लिए पैसे की निकासी पर लगी सीमा खत्म होनी चाहिए।
मुख्य आर्थिक सलाहकर ने आठ नवंबर को की गई नोटबंदी की घोषणा को एक असामान्य और अप्रत्याशित मौद्रिक अनुभव बताया और कहा कि इसके प्रभाव का आंकलन बेहद सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने कई तरीकों से रूपयों पर अलग-अलग प्रभाव डाला है। नोटबंदी से लोगों के पास नकदी में कमी आई है और जमा करने में बढ़ोत्तरी हुई है।