महामारी कोरोना को रोकने के लिए देश ही नहीं दुनिया में लॉकडाउन लगा हुआ है। जिसका सीधा असर अर्थव्यव्सथा पर पड़ने लगा है। अर्थव्यवस्था के बिगड़ते हालातों को देखते हुए सरकार की तरफ से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन कहीं से भी सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही है।
इस बीच भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने एक सर्वे जारी किया है। जिसे जानकर आपके दिलों की धड़तन बढ़ जाएगी।
सीआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का एक सर्वे जारी किया।
सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि अप्रैल-जून की तिमाही में उनकी आमदनी में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी।
जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती लंबी रहने वाली है। 45% सीईओ ने कहा, राष्ट्रव्यापी बंद हटने के बाद अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने के लिए एक साल से अधिक का समय लगेगा।जो देश के साथ-साथ जनता के लिए भी बड़ी चुनौती साबित होगा।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा,कोरोना वायरस पर काबू के लिए लॉकडाउन जरूरी है। लेकिन इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। जिससे निकलना आसान नहीं होगा। देश में बेरोजगारी बड़े स्तर के साथ लगतातार बढ़ती जा रही है।
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ऐसे हाल सिर्फ देश का ही नहीं पूरी दनिया का है। अगर कोरोना की मार दुनिया पर ऐसे ही पड़ती रही तो आने वाले समय में भूखमरी को झेलना पड़ेगा। जो कि कोरोना से भी ज्यादा भयंकर होगी। संयुक्त राष्ट्र संघ पहले ही भूखमरी की चेतावनी दे चुका है।