22 मई को शनि जयंती है। शनिदेव को लेकर कई तरह की बातें की जाती है। अक्सर देखा गया है कि लोग शनि भगवान से बहुत भयभीत रहते हैं।
शनि की वक्र दृष्टि से अच्छे भले मनुष्य का नाश हो जाता है लेकिन यदि शनि प्रसन्न हों तो जातक के वारे-न्यारे हो जाते हैं।
मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए लोग शानिदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के काम करते हैं। लेकिन अगर इसके बाद भी भगवान शानि प्रसन्न नहीं हो पा रहें हैं तो अब आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
आज हम आपको भगवान शनि को प्रसन्न करने के सबसे आसान तरीके बताने जा रहें हैं।
1-शानि देव की ऐसे करें पूजा
शनिवार का व्रत और शनिदेव पूजन किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं। इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की पूजा करनी चाहिए । शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है।
2-शनि के अशुभ प्रभावों से बचें
अगर आप शनि को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शुक्रवार की रात काला चना पानी में भिगोएं। शनिवार को वह काला चना, जला हुआ कोयला, हल्दी और लोहे का एक टुकड़ा लें और एक काले कपड़े में उन्हें एक साथ बांध लें। पोटली को बहते हुए पानी में फेंके जिसमें मछलियां हों। इसे प्रक्रिया को एक साल तक हर शनिवार दोहराएं। यह शनि के अशुभ प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई बाधाओं को समाप्त कर देगा।
3-घोड़े की नाल की अंगूठी
घोड़े की नाल शनिवार को किसी लोहार के यहां से इसे अंगूठी की तरह बनवा लें। शुक्रवार की रात इसे कच्चे दूध या साफ पानी में डूबा कर रख दें। शनिवार की सुबह उस अंगूठी को अपने बाएं हाथ की मध्यमा में पहन लें। यह आपको तत्काल परिणाम देगा।
4-शानि की साढ़े साती के कैसे बचें?
शनिदेव को आप काले रंग की गाय की पूजा करके भी प्रसन्न कर सकते हैं। इसके लिए आपके गाय के माथे पर तिलक लगाने के बाद सींग में पवित्र धागा बांधना होगा और फिर धूप दिखानी होगी। गाय की आरती जरूर की जानी चाहिए। अंत में गाय की परिक्रमा करने के बाद उसको चार बूंदी के लड़्डू भी खिलाएं। यह शनिदेव की साढ़ेसाती के सभी प्रतिकूल प्रभावों को रोकता है।
5-पीपल पर करें पूजा
शनि देव को सरसों का तेल बहुत ही पसंद है। शनि को खुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उस पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि सूर्योदय से पूर्व पीपल की पूजा करने पर शनि देव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।
6-बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं
हर शनिवार बंदरों को गुड़ और काले चने खिलाएं, इसके अलावा केले या मीठी लाई भी खिला सकते हैं। यह भी शनिदेव के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने में काफी मददगार होता है।
7-भगवान शानि के मंत्र का उच्चारण
भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए-
भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||
मंत्र के पढ़ने से कष्टों में राहत मिलती है।
8-मांस मदिरा से रहें दूर
यदि आप पर शनि की साढ़ेसाती, ढय्या या महादशा चल रही हो तो इस दौरान मांस, मदिरा का सेवन न करें. इससे भी शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है।
9-सरसों के तेल का दीपक
शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद सरसो के तेल का दीपक लगायें और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
10-काले धागे की माला
अपने दाहिने हाथ के नाप का उन्नीस हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको बटकर माला की भांति गले में पहनें। इस प्रयोग से भी शनिदेव का प्रकोप कम होता है। इन सभी उपायों को को अजमाकर आप शानि की तेड़ी दृष्टि से बच सकते हैं।
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आपको बता दें, शानिदेव न्याय प्रिय भगवान हैं वो उन लोगों को कभी नहीं छोड़ते जो लोगों को धोखा देते हैं किसी को अधिकारों को मारते हैं। शानिदेव लोगों को उनके कर्मों की सजा इस धरती पर ही देते हैं।