नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली छह अप्रैल को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ओली अपनी इस यात्रा के दौरान भारत के सामने एक दिलचस्प मांग रखने वाले हैं। ओली नोटबंदी के दौरान भारत में बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने की मांग कर सकते हैं। नेपाल के पास 950 करोड़ रुपये के पुराने नोट पड़े हैं, जिसे बदलने के लिए वो पीएम मोदी से कह सकते हैं। दरअसल जब नोटबंदी का ऐलान हुआ था तब ये नोट असंगठित क्षेत्रों और निजी लोगों के पास पड़े थे।
नोट बदलने को लेकर दोनों देशों की सरकारों के बीच अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। बता दें कि नोटबंदी के ऐलान से नेपाल और भूटान जैसे देशों पर काफी असर पड़ा था क्योंकि इन देशों में भारतीय मुद्रा काफी लोकप्रिय है। इसी कड़ी में ओली ने नेपाली संसद में कहा था कि भारत में नोटबंदी से नेपाली लोगों को काफी नुकसान हुआ है। भारतीय नेताओं से मलाकात के दौरान मैं ये मुद्दा उठाऊंगा और मामला सुलझाने को कहूंगा।
भारत नेपाल को सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और रोजमर्रा की चीजों का सबसे बड़ा सप्लायर है। नेपाली लोग बड़ी संख्या में रुपये का इस्तेमाल करते हैं और बचत को इसी मुद्रा के रूप में रखते हैं। ओली शुक्रवार को अपने भारत दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ-साथ कई अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। सेंट्रल नेपाल राष्ट्र बैंक के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल मार्च में हुई एक मीटिंग के दौरान रिज़र्व बैंक इस बात पर सहमत हुआ था।
उन्होंने कहा कि बैंक नेपाली 4500 रुपये तक के पुरानी नोटों को बदल सकता है, लेकिन एनआरबी के डिप्टी गवर्नर चिंतामणि शिवकोटि ने कहा कि उन्हें अभी तक इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बताया गया है। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिज़र्व बैंक नेपाल और दूसरे किसी देश में उस समय नोट बदलने की स्थिति में नहीं था क्योंकि उस समय नोटबंदी के दौरान इस तरह का कोई भी नियम नहीं बनाया गया था। अब संघ सरकार ही इस मामले में कोई फैसला ले सकती है।