मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे में दलित और पेशवा मराठाओं के बीच नए साल के दिन फैली हिंसा के बाद बुधवार को महार दलित समाज के लोगों ने महारष्ट्र बंद का आह्वान किया था। वहीं आज भी दलित समुदाय के लोग जूनागढ़ के पास राजकोट-सोमनाथ हाइवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच पूणे में दलित नेता और गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद पर हिंसा भड़काने का केस दर्ज किया गया है। मेवाणी और खालिद पर धारा 153(A), 505 और 117 के तहत केस दर्ज किया गया है। इससे पहले बीजेपी कार्यलय के बाहर दलित संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुआई कर रहे कुनाल सोनावने ने बुधवार को बताया कि उन लोगों ने पुणे और समूचे महाराष्ट्र बंद के समर्थन में उधना में रैली निकाली थी।
प्रदर्शन को हिंसक बनाने का आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस ने शहर में होने वाली जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद की रैली को रद्द कर दिया है। बता दें कि आज यानी की गुरुवार को मुंबई के भाईदास हॉल में छात्र भारती नाम के संगठन ने जिग्नेश और उमर को कार्यक्रम में बुलाया था। छात्र भारती के उपाध्यक्ष सागर भालेराव ने बताया कि उन्होंने भाईदास हॉल को अपने संगठन के ऑल इंडिया समिट के लिए रिजर्व किया था। लेकिन पुलिस अब इस कार्यक्रम में किसी को जाने नहीं दे रही है। सागर भालेराव का कहना है कि मुंबई पुलिस ने पिछले दो तीन दिनों की हिंसा का हवाला देकर कार्यक्रम रद्द कर दिया है। इधर जब पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे लोगों को अंदर जाने से रोका तो छात्र नारेबाजी करने लगे और जबरन अंदर जाने की कोशिश करने लगे।
इस दौरान पुलिस और छात्रों में झड़प हुई। पुलिस ने एहतियातन कई लोगों को हिरासत में लिया है। मुंबई पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने धारा-144 का उल्लंघन किया था इसलिए इन्हें हिरासत में लिया गया है। बता दें कि महाराष्ट्र में जातीय हिंसा को भड़काने के आरोप में पुणे पुलिस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है। पुलिस ने इनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है। वहीं महाराष्ट्र कोरेगांव हिंसा में अब तक 12 एफआईआर दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र बंद के दौरान कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई है।