देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस के चलते और देश को लॉकडाउन किए जाने की स्थिति में बच्चों पर प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की तरफ से फीस के लिए दबाव बनाने पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की फीस माफ करेन के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि देश की ऐसी स्थिति के चलते बच्चों पर फीस के लिए दबाव बनाना सही नहीं है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि स्कूल खुल जाने और पढ़ाई शुरू किए जाने के बाद ही फीस जमा कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा के लिए 13 सौ से अधिक परीक्षा केंद्रों में 2 लाख 71 हजार से अधिक हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र परीक्षा देने वाले थे जिसको 25 मार्च को अंतिम पेपर होना था, लेकिन शासन की ओर से 23, 24 और 25 को आयोजित होने वाली लिखित परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से निदेशक माध्यमिक शिक्षा को जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने के कारण परीक्षाओं को लेकर बच्चों के अभिभावकों व कक्ष निरीक्षकों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही है कि बच्चों की मनोदशा प्रभावित हो रही है। उधर, शिक्षा सचिव ने 15 मार्च 2020 के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
वहीं उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की परिषदीय परीक्षा 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं के एक अप्रैल से प्रस्तावित मूल्यांकन को भी स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान शिक्षकों की ट्रेनिंग भी स्थगित कर दी गई है। शासन की ओर से इसका आदेश जारी किया गया है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से शनिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का मूल्यांकन 1 से 15 अप्रैल के बीच प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए जारी निर्देशों को देखते हुए विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल द्वारा संचालित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा वर्ष 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्थगित किया जाता है। शिक्षा सचिव ने कहा कि इस संबंध में सचिव उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। अब मूल्यांकन की तिथि बाद में तय की जाएगी।