नई दिल्ली। सऊदी अरब ने UAE सहित 4 अरब देशों ने उस पर आतंकवाद का आरोप लगाते हुए सारे रिश्ते तोड़ने की घोषणा की है। अरब देशों का कहना है कि कतर आतंकवाद को बढ़ावा देता है। कतर से रिश्ता तोड़ने वाले देशों में सऊदी अरब, बाहरेन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। जिन्होंने हर तरह से कतर से दूरी बना ली है और सभी तरह के कुटनीतिक रिश्ते तोड़ना चाहते हैं। इन सभी देशों का आरोप है कि कतर आतंक वाद को बढ़ावा देता है।
बहरेन ने लगाया आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप
बता दें कि बहरेन ने कतर पर आतंकवाद का आरोप लगाने के साथ-साथ ये आरोप भी लगाया है कि वो उसके अंदरूनी मामलों में दखल देता है। इन सारे देशों ने कतर के साथ समुंद्री और हवाई नाते तोड़ने का भी ऐलान किया है। बहरेन ने कतर में रह रहे अपने लोगों को वहां से वापस आने के लिए 14 दिन का वक्त दिया है। साथ ही बहरेन ने अपने सभी मित्र राष्ट्रों और कंपनियों से अपील करते हुए कहा कि वो कतर से अपने सारे संपर्क तोड़ ले।
48 घंटों में बहरेन छोड़ दे कतर
इसके साथ ही मिस्त्र ने भी कतर के साथ अपने सभी राजनीति संपर्क तोड़ने की बात कही है। जहां एक तरफ कतर पर ये आरोप लगा है कि वो आतंकवाद का संमर्थन करता है तो वहीं दूसरी तरफ UAE का कहना है कि कतर पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र की सुरक्षा को अस्थिर करना चाहता है। जबकि कतर के राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर बाहरेन छोड़ने का वक्त दिया है।
खाड़ी में बड़ी संख्या पर कागराग हैं भारतीय
जहां एक तरफ कतर से चार देशों के नाते तोड़ने की बात सामने रही है वहीं सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि खाड़ी में जो भारतीय लोग कारगार हैं उनका क्या होगा। संयुक्त अरब में अमीरात में करीब 26 लाख भारतीय कामगर हैं वहीं सऊदी अरब में 30 लाख भारतीय काम करते हैं। खाड़ी देशों में जो भारतीय काम करते हैं वो भारी मात्रा मं विदेशी मुद्रा भेजते हैं। अगर खाड़ी देशों में यूं ही तनाव बढ़ता गया तो इससे भारतीय कामगारों पर काफी असर पड़ेंगा। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। हालांकि इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब खाड़ी देशों में तनाव की स्थिति पैदी हुई है। इससे पहले भी ऐसा माहौल बन चुका है।
कच्चा तेल और गैस मंहगा हो सकता है
खाड़ी में फैले इस तनाव से और भी समस्याएं बढ़ने का खतरा है जैसे- भारत को सबसे ज्यादा तेल सऊदी अरब से मिलता है। वहीं प्राकृतिक गैस कतर से आती है। तनाव बढ़ने की वजह से भारत में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती हैष वहीं अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी।