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पांचों पांडवों के साथ रहने वाली द्रौपदी अगर ये पाप न करती तो ऐसे न मरती, जानिए महाभारत की सबसे दिलचस्प कहानी..

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ये बात तो सभी जानते हैं कि, धर्म के नाम पर हुई महाभारत में अपनों ने ही अपनों का खून बहाया था। जिसमें विजय पांच पांडवों की हुई थी।

dropadi 2 पांचों पांडवों के साथ रहने वाली द्रौपदी अगर ये पाप न करती तो ऐसे न मरती, जानिए महाभारत की सबसे दिलचस्प कहानी..

लेकिन काफी कम लोग जानते होंगे कि, महाभारत का युद्ध जीतने के बाद पांडव के साथ क्या हुआ उनकी कैसे मौत हुई? उन्हीं में से सबसे दिलचस्प कहानी पांच पांडवो की पत्नी द्रौपदी की मौत की भी है। जिसको लेकर कहा जाता है। अगर दौपदी ने पाप न किया होता तो वो पहले न करती।

चलिए आपको द्रौपती की मौत की कहानी बताते हैं।

आपको बता दें, महाभारत में पांडवों की स्वर्ग यात्रा का वर्णन है। पांडव मोक्ष प्राप्त करने के लिए हिमालय की तरफ जा रहे थे कि उन्हें मेरु पर्वत का रास्ता मिल गया जो स्वर्ग की तरफ जाता था।

पांचों पांडव और द्रौपदी इस राह पर चलने लगे लेकिन रास्ते में अचानक सबसे पहले द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर गई। द्रौपदी को गिरादेख भीम ने युधिष्ठिर से कहा कि द्रौपदी ने कभी कोई पाप नहीं किया।

तो फिर क्या कारण है कि वह नीचे गिर पड़ी। युधिष्ठिर ने कहा कि- द्रौपदी हम सभी में अर्जुन को अधिक प्रेम करती थीं। इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ है।

ऐसा कहकर युधिष्ठिर द्रौपदी को देखे बिना ही आगे बढ़ गए। थोड़ी देर बाद सहदेव भी गिर पड़े। भीमसेन ने सहदेव के गिरने का कारण पूछा तो युधिष्ठिर नेबताया कि सहदेव किसी को अपने जैसा विद्वान नहीं समझता था, इसी दोष के कारण
इसे आज गिरना पड़ा है।

कुछ देर बाद नकुल भी गिर पड़े। भीम के पूछने पर युधिष्ठिर ने बताया कि नकुल को अपने रूप पर बहुत अभिमान था। इसलिए आज इसकी यह गति हुई है। थोड़ी देर बाद अर्जुन भी गिर पड़े। युधिष्ठिर ने भीमसेन कोबताया कि अर्जुन को अपने पराक्रम पर अभिमान था। अर्जुन ने कहा था कि मैं एक ही दिनमें शत्रुओं का नाश कर दूंगा, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए। अपने अभिमान के कारण ही अर्जुन की आज यह हालत हुई है।

ऐसा कहकर युधिष्ठिर आगे बढ़ गए। थोड़ी आगे चलने पर भीम भी गिर गए। जब भीम ने युधिष्ठिर से इसका कारण तो उन्होंने बताया कि तुम खाते बहुत थे और अपने बल का झूठा प्रदर्शन करते थे। इसलिए तुम्हें आज भूमि पर गिरना पड़ा है। यह कहकर युधिष्ठिर आगे चल दिए।

केवल वह कुत्ता ही उनके साथ चलता रहा। युधिष्ठिर कुछ ही इकलौते ऐसे पाडंव थे जो सशरीर स्वर्ग गये।
आपको बता दें जो कुत्ता युधिष्ठिर के साथ चल रहा थआ दरअसल को यमराज था। जिसका खुलासा तब हुआ जब युधिष्ठिर स्वर्ग लोक जा रहे थे।

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तो देखा आपने किस तरह से एक-एक करके पांडवों की मौत हुई और द्रौपदी की मौत सिर्फ इसलिए हुई थी। क्योंकि वो पांचों पांडवो को समान प्रेम नहीं करती थी। बस उसका ये ही पाप महाभारत के अध्यायों में लिखा हुआ है। जो उसकी सबसे पहले मौत का कारण बना।

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