बाल्टिस्तान। पाकिस्तान में गिलगिट-बाल्टिस्तान में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के इलाज में लगातार लगे रहने वाले युवा चिकित्सक की रविवार को मौत हो गई. उनके साथी चिकित्सकों ने इस मौत की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए कहा है कि उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं मुहैया कराए गए. गिलगिट-बाल्टिस्तान के सूचना मंत्री शम्स मीर ने कहा कि 26 वर्षीय डॉक्टर उसामा रियाज को कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद गिलगिट के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, उन्हें बचाया नहीं जा सका और रविवार को उनका निधन हो गया.
बता दें कि मीर ने कहा, “डॉक्टर उसामा ने दूसरों को बचाने के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी. उन्हें राष्ट्रीय हीरो घोषित किया जाएगा. उन्हें तफतान सीमा के रास्ते लौटने वाले ईरान और इराक के श्रद्धालुओं की गिलगिट-बाल्टिस्तान में स्क्रीनिंग के लिए तैनात किया गया था.”वहीं उसामा के सहकर्मियों ने उनकी मौत को एक बहुत बड़ी क्षति बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मरीज श्रद्धालुओं के आइसोलेशन सेंटर पर उनकी स्क्रीनिंग के लिए तैनात चिकित्सकों व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को कोई सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए हैं.
साथ ही निधन से कुछ दिन पहले डॉक्टर उसामा का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह यह कहते दिखे थे कि अलग-थलग रखे गए मरीजों के लिए आगे क्या किए जाने की जरूरत है. इस वीडियो में वह एक साधारण मास्क में दिखे थे. इस मास्क के हवाले से ओसामा के सहयोगी एक डॉक्टर ने कहा, “उसामा लगातार ड्यूटी कर रहे थे और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के दौरान भी उनके पास पर्याप्त और जरूरी सुरक्षा की चीजें नहीं थीं।