आईआईटी बॉम्बे के 56वें दीक्षांत समारोह के मौके में बीते रोज प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया। आपको बता दें कि पीएम ने कार्यक्रम में खुदीराम बोस को याद करते हुए कहा कि 110 साल पहले देश की आज़ादी के लिए आज के ही दिन, खुदीराम बोस ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया था।
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पीएम ने कहा कि आज़ादी के लिए जिन्होंने प्राण दिए अपना सबकुछ समर्पित किया। वो अमर हो गए, वो प्रेरणा के मूर्ति बन गए | लेकिन हम लोग हैं जिन्हें आज़ादी के लिए मरने का सौभाग्य नहीं मिला।लेकिन हमारा यह भी सौभाग्य हैं की हम आज़ाद भारत के लिए जी सकते हैं। हम देश के आज़ादी को राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए जी करके जिन्दगी का एक नया लुत्फ़ उठा सकते है। आज मैं अपने सामने, आप के भीतर, आपके चेहरे पर जो उत्साह देख रहा हूं।जो आत्मविश्वास देख रहा हूं वो आश्वस्त करने वाला है कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
भारत के उन संस्थानों में है जिनकी परिकल्पना टेक्नॉलॉजी के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण को नई दिशा देने के लिए की गई थी
आई आईटी बॉम्बे स्वतंत्र भारत के उन संस्थानों में है जिनकी परिकल्पना टेक्नॉलॉजी के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण को नई दिशा देने के लिए की गई थी। बीते 60 वर्षों से आप निरंतर अपने इस मिशन में जुटे हैं। 100 छात्रों से शुरु हुआ सफर आज 10 हज़ार तक पहुंच चुका है। इस दौरान आपने खुद को दुनिया के टॉप संस्थानों में स्थापित भी किया है। यह संस्थान अपनी हीरक जयंति मना रहा हैं।डायमंड जुबली पर उससे अधिक महतवपूर्ण हैं वे सभी हीरे, जो यहां मेरे सामने बठे हैं। जिन्हें आज दीक्षा प्राप्त हो रही हैं, और जो यहां से दीक्षा पाकर, पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। आज इस अवसर पर सबसे पहले मैं डिग्री पाने वाले देश-विदेश के विद्यार्थियों को ,और उनके परिवारों को हृदयपूर्वक बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं।
रमेश ने टेक्नॉलॉजी को जन सामान्य की आवश्यकताओं से जोड़ने के लिए उम्रभर काम किया है
डॉक्टर वाधवानी को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। रमेश ने टेक्नॉलॉजी को जन सामान्य की आवश्यकताओं से जोड़ने के लिए उम्रभर काम किया है। वाधवानी फाउंडेशन के जरिए इन्होंने देश में युवाओं के लिए रोज़गार निर्माण,कौशल,अभिनव और उद्यम का माहौल तैयार करने का बीड़ा उठाया है। एक संस्थान के बतौर ये आप सभी के लिए भी गर्व का विषय है कि यहां से निकले वाधवानी जी जैसे अनेक छात्र-छात्राएं आज देश के विकास में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।
आईआईटी बॉम्बे ने देश के चुनिंदा प्रतिष्ठा के संस्थान में अपनी जगह बनाई है
दशकों की निरंतर कोशिशों का ही परिणाम है कि आईआईटी बॉम्बे ने देश के चुनिंदा प्रतिष्ठा के संस्थान में अपनी जगह बनाई है। और अभी आपको बताया गया कि आपको अब एक हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलने वाली है। जो आने वाले समय में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में काम आने वाला है।पीएम मोदी ने पूरी टीम सहित डॉक्टर वाधवानी को बधाई दी।