वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री डा. लालजी का रविवार की शाम निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद जल्दी जल्दी बीएचयू के एसएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रात में करीब 10 बजें उन्होंने अंतिम सांस लीं।
लालजी सिंह को डीएनए फिंगर प्रिंट का जनक कहा जाता है। डा. लालजी सिंह वर्तमान में सीसीएमबी, हैदराबाद के निदेशक थे। उन्होंने दिल्ली के तंदूर हत्याकांड को सुलझाने में भी बहुत मदद की थी। बताया जा रहा था कि लालजी शाम हैदराबाद जाने के लिए फ्लाइट लेने के लिए बाबतपुर पहुंचे थे। शाम पांच बजे की फ्लाइट थी, लेकिन चार बजे ही उनको दिल का दौरा पड़ गया।
लालजी ने बारहवीं की पढ़ाई के बाद बीएचयू से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1971 में पीएचडी करने के बाद वो कोलकाता चले गए। उन्होंने 1974 में फेलोशिप के तहत रिसर्च किया। इसके बाद वो अमेरिका चले गए। लौटने के बाद उन्होंने डीएन के जरिए राजीव गांधी हत्याकांड, बेअंत सिंह, नैना साहनी व तंदूर हत्या कांड जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों का पर्दाफाश किया।