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दिल की बीमारी को बढ़ा सकती है स्टेरॉयड का मामूली डोज, जानिए नई रिसर्च में क्या खुलासा हुआ

92bfbd65 0452 4c6d a55d ee0987ccb9f3 दिल की बीमारी को बढ़ा सकती है स्टेरॉयड का मामूली डोज, जानिए नई रिसर्च में क्या खुलासा हुआ

नई दिल्ली। आज के समय में खेती में बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। आज के मनुष्य को हर समय दवाईयों पर निर्भर रहने की आदत हो गई है। बिना दवाई का सेवन किए उसकी बीमारी खत्म नहीं होती है। लेकिन कभी-कभी ये दवाईयां शरीर पर हानिकारक प्रभाव भी डालती हैं। इसके साथ ही हम आज एक ऐसी दवाई के सेवन के बारे में बताने जा रहे हैं। स्टेरॉयड का कम डोज भी दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है। हालांकि, लंबे समय से उसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए सीमित मात्रा में होता रहा है। मगर एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि मामूली डोज भी खास तरह के स्वास्थ्य रोग का जोखिम पैदा कर सकता है। गलूकोकॉर्टिकॉइड स्टेरॉयड होते हैं। उसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल अलग-अलग उपचार के लिए किया जाता है।

लंबे समय तक गलूकोकॉर्टिकॉइड का 5 मिलीग्राम सेवन सुरक्षित-

बता दें कि अभी तक ये बात साबित थी कि स्टेरॉयड का अत्यधिक सेवन हृदय रोग बढ़ानेवाला माना गया था, मगर कम डोज के प्रभाव का खुलासा नहीं हुआ था। लीड्स यूनिवर्सिटी का रिसर्च प्लोस मेडिसीन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। जिसमें बताया गया है कि गलूकोकॉर्टिकॉइड का कम सेवन भी दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। डोज की मात्रा से हृदय संबंधी जोखिम का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने 87 हजार 794 मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड का परीक्षण किया। रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों ने रोजाना प्रेडनिसोलोन का 5 मिलिग्राम से कम इस्तेमाल किया। उनको गलूकोकॉर्टिकॉइड नहीं लेनेवाले मरीजों के मुकाबले हृदय रोग का पूर्ण जोखिम दोगुना हो गया। इससे पहले माना जाता था कि लंबे समय तक गलूकोकॉर्टिकॉइड का 5 मिलीग्राम सेवन सुरक्षित है। लेकिन रिसर्च से खुलासा हुआ कि जिन मरीजों ने उससे कम मात्रा का भी डोज लिया, उनको दिल की बीमारी बढ़ने का खुतरा दोगुना हो गया। हालांकि, अस्पताल के मौजूद कम डेटा की वजह से रिसर्च को सीमित रखा गया।

प्राकृतिक हार्मोन का कृत्रिम रूप होती हैं स्टेरॉयड दवाएं-

स्टेरॉयड एक प्रकार का हार्मोन या रासायनिक पदार्थ होता है जो हमारे शरीर के अंदर ही बनता है। इसके अलावा यह प्राकृतिक रासायनिक पदार्थ का केमिकल रूप होता है। मानव निर्मित स्टेरॉयड दवाएं शरीर में बने प्राकृितक हार्मोन का कृत्रिम रूप होती है। इसका इस्तेमाल किसी खास रोग के खिलाफ किया जाता। स्टेरॉयड को मांसपेशियों का विकास करने दवा के रूप में भी जाना जाता है।

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