नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ऐतिहासिक वार्ता के लिए सिंगापुर में हैं। दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को मुलाकात होगी। लेकिन इस मुलाकात से पहले चीन को डर सता रहा है कि इस मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया उससे किनारा कर लेगा। ट्रंप-किम मुलाकात से पहले दो बार किम जोंग उन की मेजबानी कर चुके चीन को ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात में कई ऐसे ऑफर्स पर सहमति हो सकती है। जिसमें सबसे अहम है उत्तर कोरिया का अपने परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण पर हामी भरना।
बता दें कि चीन को यह भी डर है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के साथ मिलकर चीन को प्रभावित कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका चीन पर उत्तर कोरिया की निर्भरता को खत्म कर देगा। उत्तर कोरिया मामलों के चीनी इतिहासकार शेन जिहुआ ने बताया ‘उत्तर कोरिया ने कभी चीन का भरोसा नहीं किया। उत्तर कोरिया हमेशा से बदले की भावना रखता आया है। ऐसे में अमेरिका, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया मिलकर चीन को अलग-थलग कर सकते हैं।’
वहीं इस सदी की सबसे चर्चित शिखर वार्ता के तहत ट्रंप और किम सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में पहली बार मिलेंगे। एक-दूसरे को नेस्तनाबूद करने की कसमें खाने वाले कट्टर दुश्मन देशों के ये शीर्ष नेता जब मिलेंगे तो उस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी होंगी क्योंकि इन दोनों नेताओं की हरकतों से न सिर्फ अमेरिका और उत्तर कोरिया बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा था।