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कुत्ते को शुभ और अशुभ क्यों कहा जाता है, शास्त्रों में कुत्ते को लेकर क्या लिखा है..

dog 2 1 कुत्ते को शुभ और अशुभ क्यों कहा जाता है, शास्त्रों में कुत्ते को लेकर क्या लिखा है..

कुत्ते को दुनिया का सबसे ज्यादा वफादार जानवर कहा जाता है। यही कारण है कि, जब से धरती पर मानव जाति का उदय हुआ है तब से कुत्ता हमेशा से इंसान के साथ रहा है।

dog 1 1 कुत्ते को शुभ और अशुभ क्यों कहा जाता है, शास्त्रों में कुत्ते को लेकर क्या लिखा है..

पहले लोग जंगली जानवरों से बचने के लिए कुत्ता पालते थे। लेकिन अब लोग कुत्ते को शौ

किया तौर पालते हैं या फिर आने वाली मुसीबत से बचने के लिए कुत्ते को लेकर सदियों से कहा जाता है कि, यह आने वाली मुसीबत को बहुत पहले पहचान लेता है।

तो  वहीं कुछ धर्मों में कुत्ते को अपवित्र भी कहा जाता है।

ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुत्ते का संबंध ग्रहों से होता है। लाल किताब के अनुसार कुत्ता केतु की शुभता के लिए पाला जाता है और ये शनि ग्रह को भी मजबूत करता है।

कुत्ते को भैरव जी का सेवक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुत्ते को भोजन देने से भैरव प्रसन्न होते हैं और आकस्मिक संकटों से बचाते हैं।

मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से भैरव भगवान आसपास यमदूत को भी फटकने नहीं देते।

ऐसा माना जाता है कि कुत्ता भविष्य में होने वाली घटनाओं को जान लेता है साथ ही आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है। इसलिए कुत्ते को देखकर आत्माएं दूर भागने लगती हैं।

ज्योतिष शास्त्र में काले कुत्ते को पालना सबसे अच्छा माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि काले रंग के कुत्ते पर शनि और केतु दोनों ही ग्रहों का प्रभाव होता है। इसलिए शनि को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को पालने के लिए कहा जाता है।

इतना ही नहीं, संतान सुख में बाधा आने पर काला कुत्ता अथवा काला और सफेद रंग का कुत्ता पालने की सलाह दी जाती है।

किसी जातक की कुंडली में शनि दशा चल रही हो ,तो ज्योतिष उसे काला कुत्ता पलने की सलाह देते हैं।

पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलाने से लाभ मिलता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसा करने से केतु का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है।

काले कुत्ते को पालने से कुंडली दोष और साढ़ेसाती या अन्य किसी दोष का निवारण हो जाता है।

कुत्ते को क्यो का जाता है अशुभ?

आपको बताते चलें की ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले कुत्तों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिए आते हैं।

कुत्ते के रोने को अशुभ माना गया है तथा इनका देखना भी अमांगलिक समझा गया है, क्योंकि मृतात्माओं को इनकी दृष्टि से बचाने के लिए सावधान किया गया है।

सूत्र-ग्रंथों में भी कुत्ते को अपवित्र माना गया है। इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है। इस धारणा का कारण भी कुत्ते का यम से संबंधित होना है।

तो देखा आपने कुछ शास्त्रों में कुत्ते का पालन बेहद शुभ माना जाता है तो कुछ शास्त्रों में अशुभ। लेकिन हम आपको बता दें कोई भी जानवर शुभ या अशुभ नहीं होता है।

ईश्वर ने जितने जीवों में जीन डाली है वो सभी शुभ होते हैं। बस हमारा नजरिया इनको लेकर अलग-अलग हो सकता है।

इसलिए कभी भी कुत्ते को अशुभ न समझें क्योंकि अन्य जानवरों के मुकाबले कुत्ता काफी वफादार होता है।और घर की रक्षा भी करता है।

https://www.bharatkhabar.com/know-about-scientists-monitor-another-asteroid/

इसलिए भूलकर भी जानवरों के शुभ और अशुभ होने पर न जाएं ।

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