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क्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ब्लैक फंगस ? कैसे करें इससे बचाव, जानिए

लखनऊ में ब्‍लैक फंगस का कहर जारी, 24 घंटे में भर्ती हुए नौ और मरीज

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस से लोग डरे हुए हैं। कुछ राज्यों में इसके लिए अलग से वार्ड बनाए गए है। लोगों के मन में घबराहट है, वहीं कई लोग फैली अफवाहों से डरे हुए हैं। जिस वजह से कई ऐसे मामले आए जहां मरीज से लोग दूरी बना रहे हैं। लोगों को लग रहा है कि ये मरीज के संपर्क में आने से उनको भी हो जाएगा। जिसको लेकर कई डॉक्टरों ने अपना मत रखा है।

डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास कई ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें मरीज पूछते हैं, कि मुझे ब्लैक फंगस तो नहीं हो जाएगा, अच्छे से जांच कर लीजिए कि हमको ब्लैक फंगस तो नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस के सम्बंध में ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। ब्लैक फंगस न ही हर किसी को होने वाला है और न ही ये बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली है। इसके लिए पैनिक न करें, सिर्फ सावधानी रखें।

क्या है ब्लैक फंगस ?

दरअसल कोरोना से सही हुए मरीज में ब्लैक फंगस infection देखा गया है। ये आमतौर पर उन लोगों में होता है जिनका शरीर किसी बीमारी से लड़ने में कमजोर होता है। इस बीमारी के बाद चेहरे में सून्नापन आने लगता है। इसके अलावा एक तरफ की नाक भी बंद होने लगती है। आंखों में दर्द और सूजन की शिकायतें आने लगती है।

हवा में रहता है ब्लैक फंगस ?

विशेषज्ञ कहते हैं कि ब्लैक फंगस हवा में रहता है। जो आपकी नाक से होते हुए बलगम में मिलकर नाक की चमड़ी में घुस जाता है। इसके बाद म्यूकॉरमाइकोसिस बीमारी बहुत तेजी से फैलती है, और मस्तिष्क तक भी चली जाती है। यह कोई नया फंगस नहीं है, बल्कि ये वातावरण में मौजूद रहते हैं। हवा में, मिट्टी में, खराब फल, सब्जियां में, धूल में भी मौजूद रहता है। लेकिन ये तब तक हमारे ऊपर असरहीन रहता है जबतक हमारी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है।

क्यों कहते हैं ब्लैक फंगस ?

दरअसल इसमें शरीर पर जो चकत्ते पड़ते हैं वो ज्यादातर काले रंग के होते हैं, इसलिए इसे ब्लैक फंगस कहा जाता है। यह फंगस हमारे शरीर में नाक से प्रवेश करता है और नाक की जो म्यूकस मेम्ब्रेन होती है उसको भी संक्रमित करता है। नाक के पीछे जो साइनस होता है उसको संक्रमित करता है। जबड़े, तालू, जीभ को संक्रमित करता है। और धीरे-धीरे आंखों के हिस्से को संक्रमित करने लगता है। और अगर सही समय पर इलाज ना हो तो ये घातक सिद्ध हो सकता है।

संक्रमण के लक्षण

ब्लैक फंगस संक्रमण होने के दौरान नाक बंद होना, सर्दी लगना, नाक से पानी आना, काले धब्बे दिखाई पड़ना, मुंह में तालू में काले धब्बे दिखाई पड़ना, पलकों में सूजन आना, आंखों का बाहर निकलना आदि लक्षण हो सकते हैं।

ब्लैक फंगस का उपचार

ये संक्रमण इम्यूनिटी में कमी आने से होता है, इसलिए हमें अपनी इम्युनिटी बढ़ाये रखने की आवश्यकता होती है। वहीं अगर आप किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं तो आप उसका इलाज लेते रहिए। इसके उपचार के लिए एंटीफंगल दवाओं की आवश्यकता पड़ती है और साथ ही लक्षणों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। जो 3 से 4 हफ्ते तक चल सकती हैं। वहीं अगर जल्द ही बीमारी पकड़ में आ जाए तो किसी भी अंग को हानि नहीं होती और व्यक्ति जल्दी से ठीक हो सकता है।

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