आज सावन का आखिरी सोमवार है और रक्षा बंधन जैसा पावन पर्व भी पूरे देशभर में मानाया जा रहा है। 6 अगस्त को सावन खत्म हो रहे हैं। सावन के खत्म होते ही भादों का महीना भी शुरू हो जाएगा। इस महीने के लेकर हिन्दू धर्म में तमाम मान्यताएं हैं। जिनके बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है।
हिंदू पंचांग के अनुसार यह छठा महीना होता है। जिस तरह सावन को भगवान शिव का महीना माना जाता है, उसी तरह भादों को भगवान श्रीकृष्ण का महीना बताया गया है। धर्मसिन्धु सहित अन्य ग्रंथों और पुराणों में भाद्रपद माह से जुड़े कर्मों के बारे में बताया गया है। इन ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद महीने में कई तरह की सावधानियां रखनी चाहिए। नहीं तो सेहत संबंधी समस्याएं तो होती है, इसके अलावा कुछ ऐसे काम होते हैं जिनको अनजाने में करने से लक्ष्मी छोड़कर चली जाती हैं और दरिद्रता आने लगती हैं। इसलिए चातुर्मास कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है। जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
दही से करें परहेज
भादों में दही या दही से बनी चीजें खाने से इनकार किया जाता है. इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क भी दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है दही में बहुत ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं और इस मौसम में दही या उससे बनी चीजें जैसे छाछ या लस्सी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
पलंग पर न सोएं
भाद्रपद मास के दौरान पलंग पर सोने की मनाही है। नियम के अनुसार, जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर ही सोना चाहिए।
भादों में इन चीजों को खानें से बचें
मांस, शहद, गुड़, हरी सब्जी, मूली एवं बैंगन भी भाद्रपद में नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
नशे से रहें दूर
शराब, भांग, तंबाकू आदि भी भाद्रपद मास के दौरान नहीं लेना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो ये चीजें अच्छी नहीं मानी गई हैं। इनके कारण अशुद्ध हो जाते हैं और ऐसे इंसान को लक्ष्मी जी छोड़ देती हैं।
पंचगव्य का करें सेवन
बीमारियों से बचने के लिए पंचगव्य गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर का सेवन एक निश्चित मात्रा में करना चाहिए।
भादों में रविवार का दिन क्यों है खास?
हिंदू धर्म में सावन की तरह भादों महीने का भी विशेष महत्व है। जैसे सावन में सोमवार की महत्ता है वैसे ही भादों के रविवार का भी बड़ा महत्व होता है। मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु अपनी नींद पूरी करने के बाद जग जाते हैं। इसलिए भादों रविवार को शॉपिंग न करना, बाल न कटवाना, नमक का इस्तेमाल न करना और जूते न पहनने के लिए कहा जाता है।
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भादों के महीनें में आप इन सभी नियमों का पालन कर सकते हैं। क्योंकि हिन्दू धर्म में इन नियमों को एक विशेष महत्व की वजह से बताया गया है।