सोनभद्र से प्रवीन पटेल की रिपोर्ट
सोनभद्र। जहां एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार महिलाओं समेत बच्चों के लिए अनेकों योजनाएं निकालकर लाभान्वित करने के प्रयास में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ लापरवाह अधिकारी सरकार की मंशा को पलीता लगाते हुए सरकार को बदनाम करने में जुटे हुए हैं। ताजा मामला सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र का है, जहां पर बीते 26 जनवरी की भोर तकरीबन 4 बजे एक महिला नसबंदी कराने के लिए अस्पताल गई हुई थी, जहां पर डॉक्टरों ने नसबंदी करने के तुरंत बाद ही उसे उसके हाल पर छोड़ दिया। उस महिला को तकरीबन आधे घंटे बाद वार्ड बॉय द्वारा उसे बाहर जमीन पर लिटा दिया गया और कमरे का ताला बंद कर दिया गया।
डॉक्टरों ने नसबंदी करने के बाद महिला को बाहर जमीन पर लिटा दिया-
बता दें कि सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र का है, जहां पर बीते 26 जनवरी की भोर तकरीबन 4 बजे एक महिला नसबंदी कराने के लिए अस्पताल गई हुई थी। जहां पर डॉक्टरों ने नसबंदी करने के तुरंत बाद ही उसे उसके हाल पर छोड़ दिया। उस महिला को तकरीबन आधे घंटे बाद वार्ड बॉय द्वारा उसे बाहर जमीन पर लिटा दिया गया और कमरे का ताला बंद कर दिया गया। इसके बाद बाहर तड़पती पीड़ित महिला को उसके घर पहुचाने के लिए एम्बुलेंस से आईडी भी जारी हुई थी। लेकिन एंबुलेंस चालक द्वारा महिला से 500 रुपये लेकर उसे घर छोड़ने की बात पर अड़ गया। महिला मरीज के पास मात्र 300 रुपये थे जो वह देने के लिए तैयार थी, लेकिन एंबुलेंस चालक तैयार नहीं हुआ और वह बार-बार 500 रुपये की मांग करता रहा।
अस्पताल अधीक्षक कार्यवाही की बात कहीं-
जिसके बाद पीड़ित महिला द्वारा परेशान और बेहाल होकर पास के चांदी सोने की दुकान पर पहुंचकर अपनी चांदी की चेन 1500 रुपए में सुनार के पास गिरवी रखकर 1500 लेकर प्राइवेट साधन से अपने घर गयी। मामले में घोरावल अस्पताल अधीक्षक डॉ मुन्ना प्रसाद ने वही रटी रटाई जवाब बताकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए अस्पताल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मामले की जानकारी नहीं है। अगर इस तरह की चीजें हैं तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।