लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एक शख्स के मौत के मामले में गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई थी। चिकित्सकों द्वारा दी गयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या बतायी गयी थी,जबकि मृतक ने आत्महत्या की थी,इस बात का खुलासा पुलिस की सतर्कता के चलते हुआ है।
मेडिकोलीगल संस्थान एफएसएल की विशेषज्ञ संस्था ने पुलिस की जांच पर मुहर लगाते हुए जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा एक जघन्य घटना में गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने की बात कही है।
पुलिस,जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों के खिलाफ कागजी कार्रवाई कर रही है,इसके बाद स्वास्थ्य महकमा लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ उचित कार्यवाही करेगा।
यह था मामला
दरअसल एटा जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र स्थित पेट्रोल पंप के पीछे बीते बीते 9 अप्रैल को एक शव पेड़ से लटका हुआ मिला था। शव की पहचान नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी रामनिवास गुप्ता के रूप में हुई थी।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। परिजनों की तरफ से मिली तहरीर तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था।
बची निर्दोषों की जान
जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा आत्महत्या को हत्या बताते हुये गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने से कई निर्दोष व्यक्ति जेल जा सकते थे। लेकिन इस मामले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर संदेह हुआ, जिसके बाद पूरे मामले की गहराई से छानबीन की गई। इस छानबीन के दौरान चिकित्सकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर पुलिस का शक और गहरा गया। इसी के बाद पुलिस ने एफएसएल लखनऊ से मेडिको लीगल एक्सपर्ट राय मांगी। बस फिर क्या था एफएसएल की आगरा यूनिट के विशेषज्ञों ने एटा पुलिस को तकनीकी सहायता पहुंचाई। तब जाकर पूरा मामला खुला। जिससे कई निर्दोष जेल जाने से बच सकें।
आत्महत्या की यह थी वजह
मृतक रामनिवास गुप्ता के ऊपर मार्केट का कॉपी उधार हो गया था। इसके अलावा मकान तथा गाड़ी का लोन भी बकाया था। यह लोन लाखों में था।
पुलिस के मुताबिक मृतक रामनिवास का किसी से भी विवाद नहीं था,लेकिन अधिक कर्ज हो जाने की वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली।
एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया है कि एक्सपर्ट एजेंसी ने विशलेषण कर इस मामले में आत्महत्या का प्रकरण पाया है। हम पूरे मामले की रिपोर्ट बना कर भेज रहे हैं,जिसके बाद संबंधित विभाग उचित कार्रवाई करेगा।