फतेहपुर। सरकार जितनी स्वास्थ को लेकर गम्भीर हैं। सरकारी स्वास्थ केन्द्रो में एम्बुलेंस से लेकर साड़ी दवाये गरीबो को मुहैय्या कराने की बात तो कर रही हैं, मगर शायद जिले के सरकारी अस्पताल के डाक्टरों को अपने आका के फरमान का ज़रा भी खौफ नहीं। इनको अपनी मनमानी करने और अपने कमीशन से मतलब गरीब इलाज के लिए सरकारी अस्पताल आता हैं की उसको सरकारी साड़ी सुविधाएं मिलेगी।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर के जिला अस्पताल के डॉक्टर दया शंकर जिनको सरकार से तनख्वाह के रूप में एक मोटी रकम मिलती हैं। सिर्फ इस लिए की मरीजों को देखकर उनका इलाज करे और जो भी दवाये हो उनको लिखकर जिला अस्पताल से मुहैय्या कराये। मगर इन जनाब का नजरया ही निराला हैं। डॉक्टर ने ओपीडी को भी घर बना दिया मरीज लम्बी कतारों में खड़े रहे मगर इनको पहले अपनी पेट पूजा से मतलब यही नहीं यह महाशय मरीजों को देखने के बाद बाहर की दवाये लिखने में कोई परहेज नहीं करते।
ज्यादातर मरीजों के हाथ में बाहर की दवाओं के पर्चे देखने को मिले मरीज बाहर की दवाये खरीदने के बाद डाक्टर साहेब को दिखाते हैं। जब कैमरे में ये सारा नजारा कैमरे कैद हुआ तो डॉक्टर साहब को गुस्सा हुआ है।
इस बारे में जब स्वास्थ अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया की हमारे यहां मरीजों के लिए सारी दवाइयां मौजूद हैं। अगर कोई ऐसा करता हैं तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। अब सवाल यह हैं की एक तरफ आलाधिकारी मरीजों को सारी दवाये अस्पताल से मुहय्या कराने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ डाक्टर बाहर की दवाये लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी सूरतेहाल हाल में मरीज जाय तो जाय कहा। योगी सरकार के फरमानो की धज्जिया उड़ाते हुए यह डाक्टर साफ़ नज़र आ रहे हैं।
मुमताज़ अहमद, संवाददाता