नई दिल्ली। दही ऐसा पदार्थ है जो अक्सर लोगों को बहुत पसंद आता है।शहरों में तो डिब्बे में दही मिलती है गांव में मटके वाली दही में काफी स्वाद होता है।कुछ लोग सादी दही नहीं खाते तो दही बड़ा या रायते में दही को पसंद करते हैं।दही को लेकर सबसे बड़ी दुविधा ये होती है कि इसे कब खाया जाए और कब नहीं।
दही में कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होने के कारण हड्डियों और दांतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा मांसपेशियों के सुचारू रूप से काम करने के लिए दही बहुत ही लाभकारी होता है।
दही खाने से एनर्जी बनी रहती है। मन शांत रहता है। टेंशन में कमी आती है। इसीलिए हमारे यहाँ घर से बाहर जाते वक्त दही खिलाया जाता है और इसे शुभ माना जाता है।
दही ठंडा और भारी होता है इलिए सर्दी के मौसम में दही नहीं खाना ज्यादा सही रहता है।शाम को भी दही का प्रयोग करना सहीं नहीं रहता क्योंकि ठंड बढ़ रही होती है।दही खान का सबसे सही समय दोपहर का होता है। दोपहर में भी 2-3 बजे से पहले ही दही खा लेना अच्चा रहता है।
अगर शरीर में कमजोरी लग रही हो या अपच जैसी समस्या हो तो एक कटोरी दही खाने से ऐसी समस्या से आराम मिलता है।किसी भी तरह का नशा उतारने के लिए भी दही फायदेमंद होता है।