नई दिल्ली। 14 मार्च की शाम से खरमास आरंभ हो गया है। इसलिए हिन्दू मान्यता के अनुसार, एक महीने तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते। खरमास 13 अप्रैल तक कायम रहेगा। वैदिक ज्योतिष और हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहता है और जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियो, धनु और मीन, में प्रवेश करता है, तो अगले 30 दिनों यानि एक महीने की अवधि को खरमास कहते है। इस साल खरमास 14 मार्च को सूर्य कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश किया है। इसे मीन संक्रांति भी कहते हैं।
खरमास में नहीं करने चाहिए यह काम
लौकिक मान्यता है कि खरमास में सादी जैसे शुभ काम नहीं करने चाहिए। भवन-निर्माण संबंधित कार्य भी नहीं किये जाते हैं. कोई नया निवेश या व्यवसाय आदि भी नहीं शुरू की जाती है. इस अवधि में बच्चे का मुंडन संस्कार भी नहीं होता है, साथ ही लोग नए घर में गृह-प्रवेश भी नहीं करते हैं.
खरमास में यज्ञ करना है अच्छा
माना जाता है की खरमास के दौरान बहुत से शुभ काम नहीं किए जाते, जैसे शादि। इसके अलावा और भी बहुत से कार्य है जो नहीं करने चाहिए। लेकिन इसके अलावा आप ईश्वर-भजन, पूजा-पाठ जैसे काम कर सकते हैं। मान्यता है कि इस अवधि में अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ, हवन जैसे काम करना अच्छा माना गया है.