कानपुर। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) में सोमवार देररात बैठक के दौरान टास्क न पूरा होने की जानकारी पर भड़के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने पतारा सीएचसी के अधीक्षक डॉ. नीरज सचान को पुलिस हिरासत में थाने भेज दिया। डॉक्टर को हिरासत में भेजने पर अन्य डॉक्टर भड़क गए और स्वरूपनगर थाने का घेराव कर हंगामा करने लगे।
डॉकटरों और पुलिसकर्मियों में हुई नोकझोंक
पुलिसकर्मियों से उनकी नोकझोंक भी हुई। डॉ. नीरज को छोड़ने के लिए देररात तक हंगामा करते रहे। इस बीच प्रशासन की तरफ डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। बैठक में मामला तब बिगड़ा जब पतारा सीएचसी के डॉ. नीरज से जिलाधिकारी ने कोरोना संबंधी जांच और रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की गतिविधियों के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने एक तिहाई काम होने की जानकारी दी। यह सुनकर डीएम भड़क गए।
स्वरूपनगर थाने भेजे गए डॉक्टर सचान
इस पर बैठक से ही उन्हें पुलिस हिरासत में स्वरूपनगर थाने भेज दिया गया। इससे नाराज दस-बारह डॉक्टर भी पीछे-पीछे थाने पहुंच गए। डॉ. नीरज को तत्काल छोड़ने की मांग की। अधीक्षक डॉ. नीरज सचान की पत्नी डॉ. अनु सचान ने स्वरूपनगर थाने में तहरीर देकर पति को छोड़ने की मांग की है।
लगातार आ रही झड़क की खबर
बता दें कि कोरोना संकट के बीच प्रशासनिक अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच लगातार नोकझोंक के मामले सामने आ रहे हैं। अभी हाल ही में वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी डाक्टरों को फटकार लगाई थी और उनसे कहा था कि वो रेमडेसेविर दवाई न लिखें। रेमडेसेविर इंजेक्शन लिखने से ही इस दवाई का संकट पैदा हुआ है।