हरिद्वार। कला की कोई पहंचान नहीं होती। लेकिन अगर कला किसी व्यक्ति में कूट-कूट कर भरी हो तो वो अपना रास्ता ढूंढ ही लेती है। अक्सर लोग कहते है कि गायकी सीखी जाती है लेकिन अगर आप इस वीडियो को देखेंगे तो कहेंगे कि गायकी सीखी नहीं जाती बल्कि खून में होती है। इस दिव्यांग को भगवान ने ऐसे दिव्य प्रतिभा से नवाजा जिसे शायद लोग आज किसी इंस्टीट्यूट में जाकर सीखते है और वो है गायकी। भले ही ये दिव्यांग अपनी आंखों से दुनिया को देख नहीं पाता लेकिन इसके हौसले इतने बुलंद है कि ये आपको अपनी गायकी से एक ऐसी दुनिया में ले चलता है जहां से वापिस आने का शायद आपका मन कभी न हो।
इस व्यक्ति का नाम विनोद है। जो कि हरिद्वार पर शाम के वक्त घाट पर बैठता है और अपने गानों से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाता है। तो चलिए आप भी सुनिए इनकी खूबसूरत आवाज और बन जाइए गायकी के फैन।