मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रहने वाली एक महिला ने कानून पर विश्वास करने के बजाए दारुल उलूम देवबंद से पूछा था कि उसके पति ने उसे आजाद कर दिया है तो क्या उसका तलाक हो चुका है। इस पर देवबंद ने एक फतवा जारी करते हुए कहा है कि अगर शौहर ने कहा कि मैं तुम्हे आजाद करता हूं तो इसका अर्थ है कि उसने तुम्हे तलाक दे दिया है। फतवे में कहा गया है कि अगर पत्नी इस बात को सार्वजनिक कर देती है तो उसे तलाक माना जाएगा। इसमें कहा गया है कि अगर पत्नी चाहे तो इद्दत की अवधि पूर्ण कर दूसरा निकाह कर सकती है।
मुजफ्फरनगर निवासी महिला ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग के मुफ्तियों से सवाल पूछा था कि उसके शौहर ने गुस्से में एक बार कहा कि अगर तू मुझे परेशान करेगी तो मैं तुझे छोड़ दूंगा। जबकि दूसरे मौके पर उसके शौहर ने कहा कि मैंने तुझे छोड़ दिया। मैंने तुझे आजाद कर दिया। न मैं तेरा कुछ लगता हूं और न तू मेरी कुछ लगती है। इसके बावजूद वो दोनों एक साथ रह रहे हैं। इसके जवाब में मुफ्तियों ने कहा कि शौहर और बीवी के बयानों में विरोधाभास है। शौहर का कहना है कि छोड़ने से उसका मकसद तलाक से नहीं था। जबकि बीवी का कहना है कि उसके शौहर ने झगड़े के दौरान कहा था कि मैंने तुझे आजाद कर दिया। लेकिन इस दौरान शौहर और बीवी के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था।
मुफ्तियों का कहना है कि जब बीवी के पास कोई शरई गवाह नहीं है और शौहर भी उसके बयान की तस्दीक नहीं करता तो बीवी पर तलाक का हुक्म नहीं हो सकता। लेकिन जब बीवी ने अपने कानों से शौहर के शब्द मैंने तुझे आजाद कर दिया और मैंने तुझे छोड़ दिया सुन लिए तो उसमें किसी तरह का कोई शक बाकी नहीं रह जाता। जैसा कि उक्त महिला ने पूछने पर बताया कि ऐसी सूरत में आजाद कर दिया का जुमला तलाक का जुमला है। जिससे कजाअन (लोगों के सामने जुमले आना) तलाक हो जाता है। अब महिला पर उसका शौहर हराम है इसलिए वो उससे अलग हो जाए और उससे मुकम्मल तौर पर पर्दा रखे।