फतेहपुर। जिला अस्पतालों के लिए सरकार स्वास्थ्य सेवाआें को लेकर दावे तो बहुत करती रहती हैं मगर इन दावों को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार के नुमाइंदे बहुत दूर खड़े नजर आ रहे हैं। अस्पतलों में गरीबो के लिए मुफ्त में जांच की व्यवस्थाएं भले ही की गयी हो मगर उनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा हैं। शहर से लेकर गाँव के मरीजां को घंटो बैठकर सरकारी डाक्टरों का इन्तजार करना पड़ता हैं और बाद में उनको मायूस होकर अपने घर लौटना पड़ता हैं.। हद तो तब हो गयी जब मरीजो कों एक दिन नहीं दो दिन नहीं पूरे पूरे एक सप्ताह से लौट कर घर की रास्ता देखनी पड़ती हैं। आज इन मरीजों का गुस्सा फुट पड़ा और इन्होंने ने सीएमएस ऑफिस का घेराव कर डाला।
उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के सदर अस्पताल में अल्ट्रा साउण्ड विभाग में तैनात डॉक्टर नन्द गोपाल गुप्ता जिनका कोई अता पता नहीं रहता। शहर से लेकर गांव के मरीजो को घंटो बैठ कर अपने डॉक्टर के आने का इन्तजार करना पड़ता हैं। डॉक्टर के न आने पर बाद में मायूस होकर अपने घर को लौट कर जाना पड़ता हैं। यह सिलसिला एक दिन का नहीं अगर मरीजो की बात मानी जाए तो यह लोग कई हफ्तों से जिला अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं मगर हर बार इनको दरवाजे में तालालटकता मिलता हैं, और यही नहीं इस दरवाजे के ऊपर एक नोटिस चस्पा हैं जिसमे लिखा हुआ हैं की न्यायालय के कार्य से डॉक्टर गए हुए हैं। इस पर मरीजो ने बताया की पिछले पंद्रह दिनों से हम लोग अल्ट्रा साउण्ड करवाने के लिए चक्कर पे चक्कर काट रहे हैं जब भी हम लोग आते हैं यह नोटिस चिपकी मिलती हैं और ताला लटका हुया मिलती है मगर डॉक्टर नहीं मिलते ।
आज इन मरीजो का गुस्सा सातवे आसमान को तब देखने को मिला जब भारी मात्रा में अल्ट्रा साउण्ड कराने आये मरीजों के सामने दरवाजे पर ताला मिला। मरीज इन सब को देख कर भड़क गए और सीएमएस ऑफिस का घेराव किया। गुस्साए मरीजां का सामना करते हुए डॉक्टर हरगोविंद ने उनको आश्वासन दिया और उस डॉक्टर का वेतन काटने की बात करते हुये कारवाही की बात कही। इस बारे में जब डॉक्टर हरगोविंद सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया की वह न्यायालय के काम से गए हुए हैं दूसरा कोई डॉक्टर हमारे पास नहीं हैं। अब सवाल सब से बड़ा यह हैं की किया इनता ही कहने से व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जायगी? सरकारी नुमाइंदो का अगर यही रवैया रहा तो यह कहना गलत नहीं होगा की सरकारी सुविधाओ से वंचित मरीजो की परेशानियों ज्यो की त्यों बानी रहेगी।
-मुमताज़ इसरार