चंडीगढ़। कर्फ्यू के कारण होशियारपुर में फंसी एक यूक्रेन की महिला को दिल्ली भेजने में जिला प्रशासन ने मदद की। डीसी ने न केवल एक टैक्सी की व्यवस्था की बल्कि वहां ठहरने की व्यवस्था भी निजी तौर पर करवाई। 34 वर्षीय कंप्यूटर गेम डिजाइनर ओल्हा कुशपिट, यूक्रेन के सोकोला-बटका से 22 जनवरी को भारत आई थीं।
वह 22 जनवरी से 02 फरवरी तक विपश्यना कोर्स के लिए करनाल चली गई। इसके बाद वह चंडीगढ़ आई और 05 फरवरी को होशियारपुर विपश्यना कोर्स के लिए आईं। 16 फरवरी को वह अपने दोस्त से मिलने पालमपुर चली गईं फिर 19 फरवरी को विपश्यना पाठ्यक्रम के लिए होशियारपुर पहुंचीं।
इसके बाद वह 04 मार्च को विपश्यना कोर्स के लिए हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला भी गई। 20 मार्च को लौटी और होशियारपुर पहुंचीं। इस बीच परिवहन बंद हो गया और वह घंटाघर के पास एक होटल में फंस गई। 27 मार्च को अपनी बुकिंग का विस्तार करना था जो उसने ऑनलाइन किया था। होटल के मालिक ने उसे इसे रद्द करने और सीधे नकद में भुगतान करने के लिए कहा।
उन्होंने 16 अप्रैल तक अपने कमरे की बुकिंग के लिए अग्रिम 10000 रुपये का भुगतान किया। इस बीच दोपहर में जल्द से जल्द दिल्ली पहुंचने के लिए यूक्रेन दूतावास का संदेश मिला। जब उसी दिन (27 मार्च) उसने होटल के मालिक को बुकिंग रद्द करने और पैसे वापस करने के लिए कहा तो उसने न केवल इसके लिए मना कर दिया बल्कि उसे धमकी भी दी कि जब तक वह शेष राशि 9000 रुपये का भुगतान नहीं करती वह उसे जाने नहीं देगा।
स्थानीय युवक विजय शर्मा से इसके बारे में पता चलने पर होटल शिराज रीजेंसी के मालिक पंडित शाम सुंदर शर्मा और विवेक शर्मा ने उन्हें अपने होटल में मुफ्त में ठहराया। इस मामले को डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात के संज्ञान में भी लाया गया। इस पर डीसी ने ओलहा के न केवल पैसा वापस कराए बल्कि दिल्ली जाने के लिए एक टैक्सी और दिल्ली में रहने की भी व्यवस्था की।