नई दिल्ली। आपने अक्सर ही ऐसे लोगों को जरुर देखा होगा जो हर किसी पर शक करते रहते हैं। ऐसे लोगों को दुनिया में कभी किसी पर विश्वास नहीं होता। पर क्या आपको पता है ऐसे लोग मानसिक रोग का शिकार होते हैं। जी हां… जो लोग हमेशा लोगों पर शक करते रहते हैं किसी पर भी विश्वास नहीं करते हैं ऐसे लोगों को “पैरानॉयड पर्सनेलिटी डिसऑर्डर” नाम की बीमारी होती है।
आमतौर पर हम ऐसे लोगों को सामान्य समझतें हैं किन्तु ये बात सामान्य न होकर दरअसल एक मानसिक रोग की तरफ इशारा करती है। पैरानॉयड पर्सनेलिटी डिसऑर्डर पूरी तरह से व्यक्ति की पर्सनेलिटी से संबंधित होता है। पटना, मनोचिकित्सक, डॉ बिंदा के अनुसार यह ऐसा मानसिक रोग है जिसमें पीड़ित व्यक्ति सभी को शक की निगाह से देखने लगता है। उसे अपने आस-पास किसी भी इंसान पर विश्वास नहीं रहता है।
मानसिक रोग के कारण
जिन लोगों को पैरानॉयड पर्सनेलिटी डिसऑर्डर होता है उसके पीछे किसी एक वजह का होना तो काफी मुश्किल हैक्योंकि इसके होने के पीछे कई अन्य मानसिक रोग भी जिम्मेदार होते हैं जैसे भ्रम संबंधित मानसिक रोग, जिसे “डेलूस्जन डिसआॅर्डर” भी कहते हैं।
यदि “नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ” की माने तो ऐसे रोगियों के परिवार का कोई ना कोई सदस्य किसी ना किसी मानसिक रोग से ग्रस्त रहा होता है यानि “जेनटिक फैक्टर” भी इसके लिए जिम्मेदार माने गए हैं।
लेकिन इस रोग को होने में सबसे मत्वपूर्ण कारण जो अधिकतर मामलों में समाने आता है वो होता है उस पीड़ित परिवार के घर का माहौल। जिस घर में बहुत ज्यादा तनाव पूर्ण माहौल व लड़ाई-झगड़ा रहता है, उस घर के सदस्य में “पैरानायॅड पर्सनेलिटी डिसआर्डर” होने का सबसे अधिक खतरा रहता है। वहीं महिलाओं के मुकाबले पुरूष इस मानसिक रोग से ज्यादा ग्रसित पायें जाते हैं।
क्या होते है लक्षण
जो लोग मानसिक रोग का शिकार होते हैं उन लोगों के मूड में बहुत जल्दी-जल्दी बदलाव आते हैं। ऐसा व्यक्ति जल्दी किसी पर भी विश्वास नहीं कर सकता।
हमेशा उसे इस बात का डर लगता रहता है सब उसके साथ विश्वासघात कर रहें हैं।
ऐसे लोगों को लोगों से मिलने जुलने में काफी डर लगता है। क्योंकि उसे लगता है कि सब उसके बारे में बुरा बोलते हैं।
किसी भी सामान्य सवाल जब ऐसे लोगों से पूछा जाता है तो ऐसे लोग काफी जल्दी डर जाते हैं।
ऐसे लोगों को ठीक से नींद नहीं आती है और एक बात को बार बार दोहराते हैं।
उपाय
जो लोग इस तरह की समस्या से परेशान होते हैं तो उसे कई तरह के उपचार करने पड़ते हैं जैसें-
मनोचिकित्सक, पीड़ित व्यक्ति को ठीक करने के लिए टॉक थेरेपी व साइकोथेरेपी के साथ-साथ उपचार के लिए मेडिसिन्स भी प्रिस्क्राइब करते हैं।
टॉक थेरेपी में पीड़ित व्यक्ति के बचपन से लेकर वर्तमान समय तक की सभी बातों की जानकारी ली जाती है और इस बात का पता का पता लगाया जाता है कि ये मानसिक रोग, अनुवांशिक कारणों से हुआ है या फिर उसके परिवार का कलह व तनाव पूर्ण माहौल उसके इस मानसिक रोग का जिम्मेदार है।
फैमिली मेंबर्स को रोगी के साथ हमेशा प्यार से रहना चाहिए।