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आंदोलन में अब तक डटे पंजाब के किसान, मालगाड़ी संचालन बंद होने से इंडस्ट्री पर पड़ा बुरा असर

47864d43 17b2 42a1 9168 c0562eae5d5c आंदोलन में अब तक डटे पंजाब के किसान, मालगाड़ी संचालन बंद होने से इंडस्ट्री पर पड़ा बुरा असर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आए दिन कोई न कोई कानून पेश कर दिया जाता है। सरकार तो कानून को पास करा लेती है, लेकिन इस कानून की मार आम जनता और किसान पर पड़ती है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में नोटबंदी का काम किया था। जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ा था। एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसानों और गरीबों को सहायता प्रदान कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें नुकसान पुहंचाने का काम कर रही है। यह कोई और नहीं बल्कि किसान कह रहे हैं। अभी कुछ वक्त पहले सरकार द्वारा तीन कृषि बिल पास किए गए हैं। जिसका किसानों द्वारा पुरे जोर-शोर से विरोध किया जा रहा है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। सरकार ने अपने कान बंद कर रखे हैं। किसान भी अपनी हार मामने को तैयार नहीं है। जिसके चलते पंजाब में लंबे समय से किसानों द्वारा आंदोलन किए जा रहे हैं। किसानों ने रेल सेवा को भी बाधित कर रखा है। जिसके कारण माल गाड़ी के संचालन पर भी रोक लगी हुई। मालगाड़ी के संचालन पर रोक यानि कि सीधे इसका असर इंडस्ट्री पर पड़ रहा हैं।

यात्री और माल गाड़ी दोनों का ही संचालन करेगी- केंद्र सरकार

बता दें कि किसानों के कृषि बिल के विरोध के कारण पंजाब में लंबे समय से माल गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है। जिसके कारण पंजाब के अंदर काम कर रही कई प्रकार की इंडस्ट्री कच्चे माल की कमी के कारण काफी नुकसान झेल रही हैं। कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में माल गाड़ियों का संचालन कर सकती है, लेकिन वह आपनी मांग के पूरा होने तक यात्री गाड़ियों पर पूरी तरह से रोक लगाए रहेंगे। इस पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि प्रशासन यात्री और माल गाड़ी दोनों का ही संचालन करेगी, किसी भी सूरत में किसी एक का संचालन नहीं किया जाएगा। वहीं पंजाब के फिरोजपुर के किसानों का कहना है कि उन्हें अपने खेतों के लिए यूरिया की चिंता सता रही है। किसानों का कहना है कि पंजाब में माल गाड़ियों के जरिए यूरिया की सप्लाई की जाती रही है। वहीं इस बार लंबे समय से माल गाड़ियों पर लगी रोक के कारण उन्हें यूरिया मिलने में काफी मुशकिलों का सामना करना पड़ रहा है।

हर दिन 7500 मेगावाट बिजली की कमी का सामना-

वहीं माल गाड़ियों के बंद होने से कोयले की आपूर्ति में आई कमी के कारण थर्मल प्लांटों का परिचालन बंद हो गया है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) वेणुप्रसाद का कहना है कि थर्मल प्लांट में कोयले की कमी के कारण उन्हें हर दिन 7500 मेगावाट बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब में माल गाड़ियों के नहीं आने से कच्चे माल की कमी के कारण स्टील प्लांट बंद पड़े हैं। वहीं कोयले की आपूर्ति नहीं होने से इसका असर थर्मल पावर प्लांट पर दिख रहा है। माल गाड़ियों की आवाजाही रुकने से बड़े से लेकर छोटे स्तर तक के सभी लोग इसकी चपेट में आए हैं। लुधियाना के पोर्ट पर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि बीते एक महीने से उनके पास किसी तरह का काम नहीं होने के कारण अब दिन काटना काफी मुश्किल होता जा रहा है।

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