चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद दो हिस्सों में बंट चुकी AIADMK अब दोबारा एक हो सकती है। पार्टी पर छाए सियासी संकट के बाद अब छटते हुए नजर आ रहे हैं। सोमवार (17-04-17) को देर रात को अचानक पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी धड़ों के विलय को लेकर 25 मंत्रियों ने आपात बैठक की। बैठक में दोनों धड़ों के विलय संबंधित प्रस्ताव का स्वागत किया गया।
दोनों पार्टियों के विलय पर चर्चा करने के लिए आईएडीएमके ने मंगलवार(18-04-17) को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस हिस्से के सभी विधायक पहले ही विलय पर हामी भर चुके हैं। गौरतलब है कि गत दिनों पलानीस्वामी सरकार के कुछ मंत्रियों ने पन्नीरसेल्वम के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर विलय की कोशिश पर वार्ता की थी।
इन गतिविधियों के बीच राजनीति तक गर्मा गई जब पन्नीरसेल्वम गुट के साथ बातचीत के लिए सत्ताधारी एआईएडीएमके ने एक टीम का गठन किया जो पन्नीरसेल्वम से सम्पर्क करेगा। वहीं, एआईएडीएमके नेताओं की बैठक के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कुछ विशेष घोषणा होगी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
वित्त मंत्री जयकुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए सिर्फ इतना कहा कि मंत्री और नेता केवल यह चाहते हैं कि दल टूटे नहीं और दल का चुनाव चिन्ह किसी तरह बरकरार रहे। इसी बीच, आज सभी 122 एआईएडीएमके विधायकों को चेन्नई बुलाया गया है।
तमिलनाडु में ऐसा रहा राजनीतिक क्रम-
तमिल की राजनीति में एक नया मोड तब आया जब पार्टी महासचिव की कुर्सी चिनम्मा को सौंपी गई, चिनम्मा को एआईएडीएमके विधायकों का भी समर्थन मिला। 29 दिसंबर 2016 को पार्टी महासचिव बनाए जाने के बाद शशिकला ने अम्मा को याद करते हुए कहा कि पार्टी में उनका स्थान ले पाना किसी के लिए संभव नहीं है। शशिकला की नियुक्ति के लिए एआईएडीएमके के 2770 सदस्य एवं कार्यकारी परिषद के 280 सदस्यों की बैठक बुलाई गई, इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, कैबिनेट मंत्री एम. थंबीदुरई और पार्टी विधायक भी मौजूद रहे।