नई दिल्ली। दिग्विजय बेटे जयवर्द्धन को वित्त दिलवाना चाहते थे, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता इस पर राजी नहीं थे। उनका मानना था कि यदि वित्त जैसा विभाग जयवर्द्धन को मिलेता तो पर्दे के पीछे दिग्विजय ही होंगे और उनके बेटे का कद कई वरिष्ठ नेताओं से ज्यादा बढ़ सकता है। मामला राहुल गांधी के पास पहुंचा। उन्होंने अहमद पटेल को इसे सुलझाने को कहा। पटेल व अन्य वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद जयवर्द्धन को नगरीय विकास एवं आवास विभाग देने पर सहमति बन गई।
बता दें कि यह विभाग पहले तरुण भनोट को दिया जाना था। जयवर्द्धन से वित्त विभाग हटने पर यह कमलनाथ के करीबी भनोट के पास आ गया। यानी वित्त की कमान मुख्यमंत्री के पास ही होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने समर्थकों को वजनदार विभाग दिलवाने के लिए पटेल से तीन बार मिले।