फाल्गुन का महीना शुरू हो गया है । यह माह आते ही मन में एक अनूठा उत्साह, उल्लास, उमंग और नवचेतना का संचार होता है।
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इस माह आता है होली का त्यौहार
यह वही माह है जिसमें भगवान शिव का परम पुण्यदायी व्रत महाशिवरात्रि आता है तो रंगों का पर्व होली भी आता है। फाल्गुन माह प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व अर्थात् माघ पूर्णिमा से होली का डांडा गाड़ने के साथ ही फाल्गुन की सूचना मिल जाती है। साथ ही टेसू के सुर्ख फूल फाल्गुन की उमंग को द्विगुणित कर देते हैं। फाल्गुन माह की शुरुआत आज से हो गई है।
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को माँ लक्ष्मी और माँ सीता की पूजा का विधान है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान् शिव की उपासना का महापर्व महाशिवरात्रि भी मनाई जाती है। जो 1 मार्च को है।
इस माह आते हैं व्रत-त्योहार और कई पर्व
20 फरवरी- संकट चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 9.55 उज्जैन समयानुसार
21 फरवरी- महाकाल नवरात्रि एवं हरिकथा प्रारंभ
22 फरवरी- शनि उदय प्रात: 10.13 पर
23 फरवरी- कालाष्टमी, गुरु अस्त पश्चिम में सायं 7 बजे
26 फरवरी- विजया एकादशी स्मार्त प्रात: 10.40 बजे से, मंगल मकर में दोपहर 3.49 बजे से
27 फरवरी- विजया एकादशी वैष्णव प्रात: 8.14 तक, शुक्र मकर में सायं 6.15 बजे से
28 फरवरी- द्वादशी का क्षय, सोम प्रदोष व्रत
1 मार्च- महाशिवरात्रि, मध्यरात्रि 12.15 से 1.05 तक, पंचक प्रारंभ सायं 4.29 से, शिव नवरात्रि पूर्ण
2 मार्च- फाल्गुन अमावस्या
4 मार्च- चंद्रदर्शन, रामकृष्ण परमहंस जयंती
6 मार्च- पंचक समाप्त सूर्योदय पूर्व रात्रि 2.28 बजे, विनायक चतुर्थी, बुध कुंभ में प्रात: 11.18 से
10 मार्च- होलाष्टक प्रारंभ
13 मार्च- रवि पुष्य रात्रि 8.07 से प्रात: 6.39 तक
14 मार्च- आमलकी एकादशी, सूर्य मीन में रात्रि 12.15 से
15 मार्च- भौमप्रदोष व्रत
17 मार्च- होलिका दहन प्रदोषकाल में 6.33 से 8.58 तक, भद्रापुच्छ में रात्रि 9.03 से 10.15 तक
18 मार्च- धूलेंडी, फाल्गुन पूर्णिमा, होलाष्टक समाप्त, चैतन्य महाप्रभु जयंती