“धोनी फिनिशेज ऑफ इन स्टाइल” रवि शास्त्री की ये लाइन क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में है। ये लाइन उस रात कही गई थी
जब धोनी के बल्ले से छक्का निकला था, और भारत 28 साल बाद विश्व कप जीत गया था। धोनी के जन्मदिन पर आज आपको बताएंगे विश्वकप जीतने की कहानी। युं तो क्रिकेट का खेल सारे खिलाड़ियों पर निर्भर करता है। इस खेल में टीम पर्फॉर्मेंस जरूरी होता है, लेकिन उस रात धोनी के कमाल ने विश्व कप को भारत के झोली में डाल दिया।
एक विशाल स्कोर का पीछा करते हुए भारत ने बहुत सस्ते में सहवाग और सचिन को खो दिया था, और फिर गंभीर ने पारी संभाली। विराट कोहली ने संभलते हुए कुछ अच्छे शॉटस खेले, लेकिन फिर बारी आई उस कप्तान की जिस को उस रात इतिहास रचना था और हुआ भी ऐसा ही। वह आया और बस छा गया। उस वक्त तक क्रीज पर रहा जब तक मैच जीतवा नहीं दिया। वह इतना खो गया था कि उसे यह भी नहीं मालूम पड़ा कि उसका अर्धशतक हो गया है। जब दर्शक चिल्लाए तो उसे एहसास हुआ है कि उसने अर्धशतक लगाया है, तो उसने शालीनता से बल्ले को उठाया, मानो बल्ला ये बोल रहा हो की काम अभी पूरा नहीं हुआ है। आखिरकार काम भी पूरा हुआ और भारत 28 साल बाद विश्व कप जीत गया। उस लड़के का नाम महेंद्र सिंह धोनी है, उस लड़के के बदौलत ही लिटिल मास्टर का सपना पूरा हुआ और भारत की झोली में विश्वकप आया। महेंद्र सिंह धोनी को उनके जन्मदिन पर हम बधाई देते हैं और आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में भी अपने करिश्माई खेल से भारत का नाम रौशन करते रहें।