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दयाशंकर ने मायावती को दी चुनौती, कहा.. स्वाति से चुनाव जीत कर दिखाएं

Dayashankar दयाशंकर ने मायावती को दी चुनौती, कहा.. स्वाति से चुनाव जीत कर दिखाएं

लखनऊ। मऊ की जेल से छूटकर लखनऊ पहुंचे दयाशंकर सिंह अपनी पत्नी के साथ सीधे मीडिया से मुखातिब हुए। राजधानी के प्रेस क्लब में आनन-फानन में आयोजित प्रेस वार्ता में दया ने सीधा बसपा सुप्रीमो मायावती और नसीमुद्दीन पर हमला बोला। खास बात यह कि इस अवसर पर दया ने मायावती को खुली चुनौती देते हुए कहा कि सूबे में कुल 403 विधानसभा सीट हैं। मायावती किसी भी सामान्य सीट से मेरी पत्नी स्वाति के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं। स्वाति निर्दलीय चुनाव जीत कर दिखाएगी।

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मायावती पर की गई अमर्यादित टिप्पणी के सवाल पर दयाशंकर ने कहा कि मैंने अपने बयान पर माफी मांग ली थी। इसके बाद भी मुझे सजा मिली, मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, अपराधियों की तरह मुझे गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। वहीं दूसरी ओर बसपा नेताओं ने मेरी पत्नी, बेटी व मां के खिलाफ सार्वजनिक मंच से जो अभद्र टिप्पणियां की उस पर मायावती और नसीमुद्दीन ने आज तक माफी नहीं मांगी।

उन्होंने कहा कि मेरी गिरफ्तारी के लिए इतनी तत्परता दिखायी गयी। यहां तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा था कि यह बहुत गलत किया गया। लेकिन नसीमुद्दीन समेत बसपा नेताओं की अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि मायावती यदि नसीमुद्दीन को जेल भिजवा दें तो प्रदेश की जनता के दिल में वह बैठ जायेंगी।

दयाशंकर ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि आज मैं एक बार फिर से कहता हूं कि मायावती टिकट बेचती हैं, टिकट बेचती हैं, टिकट बेचती हैं। उन्होंने कहा कि यदि मायावती पर टिकट बेचने सम्बन्धी लग रहे आरोपों की सीबीआई जांच हो जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह कोर्ट का दरवाजा भी खटखटायेंगे। क्योंकि मायावती को टिकट बेचकर दलितों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है।

दयाशंकर ने कहा कि मायावती देश की सबसे भ्रष्ट नेता हैं। उनकी संपत्ति की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही उनके करीबी नसीमुद्दीन और सतीश चंद्र मिश्रा जो एक आम आदमी से आज हजारों करोड़ के मालिक बन गए हैं, इनकी भी जांच होनी चाहिए। इस दौरान दयाशंकर ने गेस्ट हाउस काण्ड का जिक्र करते हुए कहा कि साल 1995 में हुए गेस्ट हाउस काण्ड में मायावती की इज्जत बचाने वाले भाजपा नेता ब्रह्मदत्त तिवारी के साथ वह भी मौजूद थे। उन्होंने भी मायावती की इज्जत बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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