हजारों-करोड़ों रसिकों के प्राणधन संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास के लाडले ठाकुर श्रीबांके बिहारी महाराज का आज यानी बुधवार को प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है। वृंदावन में जन जन के आराध्य ठाकुर श्री बांकेबिहारी लाल के प्राकट्योत्सव की धूम है। तीर्थनगरी में बुधवार सुबह से ही प्राकट्योत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज के दिन ठाकुर जी को हलवे का भोग लगाया जाता है।
क्या है इस उत्सव का इतिहास
श्री बांके बिहारी मंदिर की सेवानियत भिकचंद्र गोस्वामी ने बताया है कि संगीत शिरोमणि स्वामी श्री हरिदास के भक्ति में भजन से मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी श्री बांके बिहारी पंचमी के मौके पर विश्व प्रसिद्ध से ठाकुरजी बांके बिहारी महाराज का प्राकट्य किया था। तभी से इस तिथि को बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भव्य सजावट की गई
इसके साथ ही ठाकुर बांकेबिहारी लाल का प्राकट्योत्सव पर निधिवन एवं ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भव्य सजावट की गई है। विविध प्रकार के देशी-विदेशी पुष्पों के साथ हरी पताकाओं से सजावट की गई है। ठाकुर जी के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। बांकेबिहारी मंदिर परिसर में सेवायत गोस्वामी समाज द्वारा बधाई पद गायन करते हुए स्वामी हरिदास के चित्रपट को गर्भगृह में ठाकुरजी की प्रतिमा के सन्मुख विराजित कराया जाता है। जहां ठाकुरजी को केसर भात, दूधभात आदि अनेक प्रकार के व्यंजन निवेदित किए जाते हैं।