नई दिल्ली।अगर आप भी विष्णु जी को खुश करने के लिए बृहस्पतिवार को पूजा करते हैं लेकिन पूजा करने के ूबाद भी आपकी समस्या हल नहीं हो रही हैं तो हो सकता हैं आपकी पूजा में कोई कमी रह गई हो जिसकी वजह से पूजा का फल आपको नहीं मिल रहा हों। आज हम आपको बताने वालें हैं कि आपको बृहस्पतिवार को किस तरह से पूजा करनी हैं जिससे आपकी पूजा का फल आपको मिलें।
इन सामग्रियों का प्रयोग करें
सहीं रुप में पूजा करनें पर हीं उसका फल आपको मिलता हैं इसके लिए जरूरी हैं इस बात पर ध्यान देने की कि उसमें कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई जिसकी वजह से आपका काम नहीं बन रहा हैं गुरूवार को विष्णु जी की पूजा का विधान है। कहते हैं कि इस दिन पूजा करने से गृहस्थ जीवन में स्थायित्व और सुख की प्राप्ति होती है। यदि बृहस्पति वार को विष्णु जी के साथ देवी लक्ष्मी का भी पूजन किया जाए तो ये भी अति उत्तम फलदायी और वैभव को बढ़ाने वाला माना जाता है। इस दिन पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग करें। भगवान को स्नान कराने के लिए एक तांबे का पात्र, एक तांबे का लोटा, जल का कलश, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र और आभूषण। चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, फूल, अष्टगंध, तुलसीदल, तिल, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, पान और दक्षिणा आदि। अगर आप हमारें बताई हए बदलावों को करेगें तो आपको इसका फल जरूर मिलेगा।
ऐसे करें पूजा
सभी पूजन कार्यों की तरह विष्णु जी की पूजा का आरंभ भी गणेश पूजन से ही करें। इसके बाद भगवान विष्णु का पूजन शुरू करें। सबसे पहले भगवान का स्मरण करते हुए उनका आवाहन करें फिर श्री विष्णु को आसन दें। अब उनको स्नान कराएं, इसके लिए पहले जल से फिर पंचामृत से और पुन: जल से स्नान कराएं। इसके बाद भगवान को वस्त्र पहनाएं। वस्त्रों के बाद आभूषण और जनेऊ पहनाएं और अब पुष्पमाला पहनाएं। इसके पश्चात सुगंधित इत्र अर्पित करें और तिलक करें। अब धूप व दीप प्रज्वलित करें। विष्णु जी को तुलसी अत्यंत प्रिय है अत: तुलसी अवश्य अर्पित करें। भगवान विष्णु के पूजन में चावल का प्रयोग ना करके तिल चढ़ा कर सकते हैं। सबके बाद दीपक जला कर आरती करें। आरती के बाद नेवैद्य अर्पित करें। विष्णु के पूजन में ‘‘ऊँ नमो नारायणाय मंत्र’’ का जाप अवश्य करना चाहिए।
तो इस तरह से बृहस्पतिवार को पूजा करने से विष्णु जी आपकी पूजा से खुश होगें और आपको उसका फल मिलेगा।