कल से नवरात्रे शुरु हो रहे हैं, ऐसे में मां का आर्शीवाद पाने के लिये आपको उनकी विधि- विधान से पूजा करनी चाहिये, बता दे कि नवरात्रि की पूजा में जितना महत्व कलश स्थापना का होता है उतना ही फूलों का भी होता है।
माना जाता है कि नवरात्रि में देवी को फूल अर्पित करने से उनकी कृपा मिलती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में किस दिन कौन से फूल अर्पित करने से आपको मिलेगा माता रानी का आर्शीवाद।
गुड़हल का लाल फूल
आपको बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल काफी पसंद होता है। कोशिस करें कि पहले दिन मां को गुड़हल या फिर कनेर का फूल चढायें।
मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रुप की पूजा
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को गुलदाउदी का फूल काफी पसंद हैं इसलिये हो सके तो इस दिन मां को गुलदाउदी का फूल अर्पित करें।
मां चंद्रघंटा को कमल का फूल
वहीं नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। बता दें कि मां चंद्रघंटा को कमल का फूल और शंखपुष्पी के फूल काफी पसंद हैं। मां को ये फूल अर्पित करने से जीवन में आपको सफलता मिलती है।
मां कुष्मांडा को चमेली का फूल
चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां कुष्मांडा को चमेली का फूल या फिर पीले रंग का फूल चढ़ाना चाहिए।
मां दुर्गा का स्कंदमाता स्वरूप
पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप को पूजा जाता है, मां को पीले रंग के फूल पसंद हैं। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन मां को पूजा में पीले रंग के फूल अर्पित करें।
मां कात्यायनी को गेंदे का फूल
छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है। इस दिन पूजा में मां कात्यायनी को गेंदे का फूल चढायें।
मां कालरात्रि को नीले रंग का फूल
वहीं नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि की पूजा अराधना की जाती है। मां कालरात्रि को नीले रंग का का फूल पसंद आता है।
मां दुर्गा का महागौरी स्वरूप
आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप को पूजा जाता है। महागौरी को मोगरे का फूल काफी पसंद हैं इसलिये आपको इस दिन मां गौरी को मोगरे के फूल चढाने चाहिये।
मां को चंपा और गुड़हल का फूल
आखिरी नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। आखिरी नवरात्रि पर मां को चंपा और गुड़हल का फूल चढ़ायें।