7 अक्टूबर से मां के नवरात्रि शुरु होने जा रही है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में जौ बोये जाते हैं। लेकिन क्या आपको नवरात्रि में जौ बोने के बारे में पता है ।
देवी-देवताओं में जौ चढाया जाता है जौ
शास्त्रों के मुताबिक सृष्टि की शुरुआत के बाद जौ पहली फसल थी, और यही वजह है कि देवी-देवताओं में जौ चढाया जाता है। आपने देखा होगा कि हवन में भी “जौ” चढ़ाया जाता है।
भविष्य से जुड़ी कुछ बातों का संकेत
बता दें कि नवरात्रि में उगाई जाने वाली जौ आने वाले भविष्य से जुड़ी कुछ बातों का संकेत देती है। कहा जाता है कि अगर जौ का तेजी से बढ़ रहे हैं और हरे हैं तो व घर में सुख समृद्धि का होना माना जाता है।
वहीं अगर जौ ठीक से नहीं उगते है तो इसे अशुभ माना जाता है। इसके अलाव जौ काले रंग के टेढ़े-मेढ़े उगती है तो भी इसे अशुभ माना जाता है।
जौ देेते हैं समय की चेतावनी
साथ ही अगर जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो तो आपका आने वाले समय ठीक नहीं रहता । जौ का रंग नीचे से आधा हरा और ऊपर से आधा पीला हो, तो इसे शुभ माना जात है।
जौ का ठीक से ना उगना माना जाता है अशुभ संकेत
वहीं अगर जौ सुख जाते हैं तो ये शुभ सकेंत नही माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा होने से परिवार में परेशानिया आ सकती हैं।
जौ अगर नवरात्रि के शुरुआती तीन दिनों में ही अंकुरित हो जायें तो ये शुभ होता है. लेकिन अगर ये बिल्कुल नहीं उगते तो ये देते हैं आने वाले समय का अशुभ संकेत ।
जौ के शुभ परिणाम
जौ हरे या फिर सफेद रंग के उग ते हैं तो ये आने वाले कल का इशारा करते हैं। इसका मतलब होता है कि ये आने वाला समय में कुछ शुभ कुछ अच्छा होने वाला है।