2 फरवरी यानि आज से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गए है। आपको बता दें कि साल में चार नवरात्रि आती हैं।
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गौरतलब है कि साल में आने वाली चार नवरात्रि जिनमें 2 प्रकट नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्वनि में आने वाली नवरात्रि को प्रकट नवरात्रि कहा जाता है और माघ व आषाढ में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
इन देवी – देवताओं की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियों तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है।
क्या कहते हैं हिंदू पंचांग
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाना जाता है। गुप्त नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है। गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है। पहली गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास में और दूसरी माघ मास में पड़ती है। ऐसे में इस साल गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी 2022, बुधवार से 11 फरवरी 2022 शुक्रवार तक हैं। गुप्त नवरात्रि पर इस साल दो विशेष योग बन रहे हैं।
पूजा करने से मिलता है कई गुना ज्यादा फल
गुप्त नवरात्रि पर इस बार रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस साल नौका पर सवार होकर माँ शक्ति स्वरूपा आएंगी और गमन हाथी पर होगा।
खास मंत्रों के जाप से समस्या से मिलती है मुक्ति
पौराणिक काल से ही लोगों की आस्था गुप्त नवरात्रि में रही है। गुप्त नवरात्रि में शक्ति की उपासना की जाती है । ताकि जीवन तनाव मुक्त रहे। माना जाता है कि इस दौरान माँ शक्ति के खास मंत्रों के जाप से किसी भी समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है या किसी सिद्धि को हासिल किया जा सकता है। सिद्धि के लिए ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ॐ क्लीं सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्यवितं, मनुष्यो मत प्रसादेंन भविष्यति न संचयः क्लीं ॐ, ॐ श्रीं ह्रीं हसौरू हूं फट नीलसरस्वत्ये स्वाहा आदि विशेष मंत्रों का जप किया जा सकता है।
गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 06.33 से 09.32 तक
अभिजीत मुहूर्त – पूर्वाह्न 11.25 से 12.35 तक