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आखिर क्यों पितृपक्ष में कोई शुभ कार्य व खरीदारी नहीं की जाती? जानें क्या है इस मिथ्या का सच

पितृपक्ष आखिर क्यों पितृपक्ष में कोई शुभ कार्य व खरीदारी नहीं की जाती? जानें क्या है इस मिथ्या का सच

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि की समाप्ति के साथ ही अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष तिथियां आरंभ हो गई यानी पितृपक्ष आरंभ हो गया है। पितृपक्ष वर्ष 21 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा। इन 16 दिनों में पितरों को याद कर उनका श्राद्ध किया जाता है। क्योंकि मान्यता है कि पितृपक्ष के समय मृत लोग धरती पर लौटते हैं। इसीलिए अधिकतर लोग इन 16 दिनों में किसी प्रकार की कोई खरीदारी व कोई शुभ कार्य नहीं करती क्योंकि उनका मानना है कि यह 16 दिन शोक काल के होते है। जबकि ऐसी किसी भी बात का उल्लेख शास्त्र व पुराणों में कहीं नहीं कि पितृपक्ष का समय अशुभ है। जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, यह केवल मानव द्वारा निर्मित एक मिथ्या है जिसका कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि इस वर्ष पितृपक्ष के इन 16 दिनों में कई शुभ योग बन रहे जो आपके लिए आपके परिवार के लिए कल्याणकारी सिद्ध हो सकते हैं। इन शुभ योगों में ना केवल आपको पितृदोष से मुक्ति मिल सकते हैं। बल्कि खरीदारी व शुभ कार्य करने के लिए भी बेहद मंगलकारी हो सकते हैं। 

गणेश चतुर्थी के बाद और नवरात्रों से पहले मनाया जाता है पितृपक्ष। लोगों की मान्यता के मुताबिक पितृपक्ष में खरीदी गई थी पितरों को समर्पित होती है और इन पर केवल पितरों का अधिकार होता है और यदि इसका उपयोग हम करते हैं तो यह बिल्कुल अनुचित होगा क्योंकि इसमें प्रेतों का अंश होता है। जो पितृपक्ष समाप्त होने के बाद भी वस्तुओं में से नहीं जाता यही कारण है कि पितृपक्ष को अशुभ माना जाता है लेकिन यह बिल्कुल गलत है क्योंकि गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के बीच आने वाला यह पितृपक्ष शास्त्रों के अनुसार शुभकारी है क्योंकि हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है इस आधार पर पितृपक्ष अशुभ काल नहीं बल्कि शुभ कार्यों का योग है।

इस वर्ष पितृपक्ष के इन 16 दिनों में से हम कुछ दिनों में खरीदारी कर सकते हैं जैसे 21, 23, 24, 27, 30सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वथा योग बन रहा है। जब आप किसी भी नई चीज की खरीदारी कर सकते हैं। वहीं 26-27 सितंबर को रवि योग बन रहा है और 27-26 सितंबर को अमृत योग बन रहा है। ऐसे में इन 7 दिनों शुभ कार्य करना काफी मंगलकारी सिद्ध होगा और इन 16 दिनों के बाद नवरात्र आरंभ हो जाएगा। 

शास्त्रों के मुताबिक पितरों को देव तुल्य माना गया है और यदि आपके पितर आप से खुश हैं तो आपके परिवार व आपकी तरक्की सुनिश्चित है इसलिए मन में किसी प्रकार का कोई वहम व मिथ्या नहीं रखना चाहिए। बल्कि खुले दिल से इन 16 दिनों में पितरों का स्वागत कर उनका तर्पण करना चाहिए जैसे आपकी पितरों का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहेगा।

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