श्रीनगर। देश में आए दिन पाकिस्तान द्वारा नापाक हरकतें की जाती रहती हैं। जिनका भारतीय सैनिकों द्वारा मुंह तोड़ जबाब दिया जाता है। हर बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। इसके साथ ही आंतंकियों द्वारा भारत में दहशत का माहौल कायम करने के लिए सीमा के भीतर घुसने के प्रयास किए जाते हैं। इसके साथ ही आज साल के आखिरी दिन जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने आतंक के आका पाकिस्तान की नापाक हरकतों का खुलासा किया है। दिलबाग सिंह ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सभी आतंकी संगठन नए और पुराने की मां पाकिस्तान है। उन्होंने बताया कि जम्मू में केवल 3 आतंकी सक्रिय हैं, यह तीनों किश्तवाड़ में हैं। कुछ स्लीपिंग सेल्स भी सक्रिय हैं, जिन पर नज़र रखी जा रही है। उन्होंने कहा, ”साल 2020 तसल्लीबख्श रहा, सबसे बड़ी उपलब्धि डीडीसी चुनाव रही। यह बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है क्योंकि पालिस्तान लगातार इसके खिलाफ साजिश रचता रहा।
आतंकी घटनाओं में 38 आम नागरिक भी मारे गए- दिलबाग सिंह
बता दें कि पिछले साल आतंकियों के खिलाफ हुए ऑपरेशन का जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, कुल 100 से अधिक ऑपेरशन हुए, इनमें से 90 कश्मीर हुए। इन ऑपरेशन में कुल 225 आतंकी मारे गए, जिसमें 46 टॉप कमांडर भी शामिल हैं। आज हर तंज़ीम का टॉप कमांडर मारा गया है। बड़ी तायदाद में हथियार और गोला बारूद पकड़ा गया। डीजीपी ने जानकारी दी कि पुलिस और सुरक्षाबलों को भी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत देनी पड़ी। दिलबाग सिंह ने बताया कि पुलिस के 16 और अर्धसैनिक बलों के 44 जवानों ने शहादत दी। आतंकी घटनाओं में 38 आम नागरिक भी मारे गए। पाकिस्तान का भांड़ाफोन करते हुए दिलबाग सिंह ने बताया, ”पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन बढ़े हैं। इसकी आड़ में घुसपैठ करवाई गई। इस साल की घुसपैठ में कमी आयी। ड्रोन से हथियार और पैसे भेजे गए। कुछ एक जगहों पर नशे की खेप भी भेजी गई।
कोविड काल मे पुलिस और अवाम का रिश्ता मज़बूत हुआ-
इसके साथ ही डीजीपी ने कोरोना काल में राज्य पुलिस के कार्यों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ”जम्मू कश्मीर पुलिस ने कोरोना काल में भी युद्धस्तर पर काम किया। दवाइयां, राशन, अस्पताल पहुंचाना जैसे काम किये। कोविड काल मे पुलिस और अवाम का रिश्ता मज़बूत हुआ। कोरोना काल मे 15 जवानों और अधिकारियों की जान गई, जबकि 3500 जवान और अधिकारी इस संक्रमण से ग्रस्त रहे।